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- In this country the bride and groom are not allowed to go to the toilet, you will be surprised to know the reason
अजब-गजब : इस देश में दूल्हा-दुल्हन को नहीं जाने दिया जाता है टॉयलेट, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शादी किसी भी व्यक्ति के खास दिनों में से एक होता है। लोग अपने इस स्पेशल दिन को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। आजकल लोग अलग-अलग थीम्स और अपने बजट के हिसाब से शादी करना पसंद करते हैं। लेकिन इस दौरान सभी शादियों में एक चीज कॉमन होती है, वह हैं प्रथाएं। अक्सर अलग-अलग धर्म और कल्चर्स के रिवाज भी अलग-अलग होते हैं। इनमें से कुछ अजीबो-गरीब रिवाज भी होते हैं। ऐसा ही एक रिवाज हम आपको बताने जा रहे हैं।
दुनिया में एक समुदाय ऐसा भी है, जहां दुल्हा-दुल्हन को टॉयलेट ही नहीं जाने दिया जाता है। आपको सुनकर हैरानी होगी लेकिन यह सच है। इंडोनेशिया के टीडॉन्ग समुदाय के लोग इस रिवाज को बड़ी शिद्दत से निभाते हैं। नियम के मुताबिक शादी के 3 दिन बाद तक दूल्हा-दुल्हन शौचालय नहीं जा सकते हैं। यदि आप शौचालय जाते हैं तो इसे अपशकुन माना जाता है।
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि शादी एक पवित्र रस्म है और टॉयलेट जाने से इसकी पवित्रता भंग होती है। ऐसा करने से दूल्हा-दुल्हन अपवित्र हो जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि लोग अपने शरीर की गंदगी को त्यागने लोग टॉयलेट जाते हैं, जिससे वहां नकारात्मक शक्तियों का वास होता है। अगर दूल्हा-दुल्हन शादी के बाद ऐसे शौचालय का इस्तेमाल करते हैं तो उनकी शादीशुदा जिंदगी को खतरा हो सकता है। वहां मौजूद बीमारियां उनके रिश्तों में मतभेद पैदा कर सकती हैं।
रिवाज के मुताबिक, दूल्हा-दुल्हन को तीन दिन तक शौचालय नहीं जाना पड़े, इसलिए काफी पहले से तैयारी की जाती है। शादी के तीन दिनों तक दूल्हा-दुल्हन को कोई परेशानी न हो इसलिए उन्हें खाना-पानी कम दिया जाता है ताकि वे रस्म अच्छे से निभा सकें और इस बात का ख्याल रखा जाता है कि वे शौचालय न जाएं। यहां यह रस्म बहुत ही सख्ती से निभाई जाती है।
भोपाल: आईसेक्ट द्वारा डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट द्वारा लर्निंग एंड डेवलपमेंट की पहल के तहत बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में "टीम बिल्डिंग, टाइम मैनेजमेंट और सॉफ्ट स्किल्स" विषय एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। आईसेक्ट भोपाल की कॉर्पोरेट एचआर टीम इस अवसर पर बिलासपुर में उपस्थित रही और श्रीमती पुष्पा कश्यप की अध्यक्षता में टीम एचआर, बिलासपुर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में 80 से अधिक फैकल्टी सदस्यों ने अपनी पूरी भागीदारी के साथ भाग लिया। विशेषज्ञ प्रख्यात वक्ता श्रीमती गीतिका जोशी जो प्रबंधन और सॉफ्ट स्किल्स में एक कॉर्पोरेट ट्रेनर हैं, ने बात करते हुए टाइम मैनेजमेंट के कई टिप्स दिए और कार्यस्थल पर प्रोडक्टिव होने के तरीके बताए। श्री गौरव शुक्ला, डॉ. सीवीआरयू के रजिस्ट्रार और प्रो-वाइस चांसलर श्रीमती जयती मित्रा ने इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारियों को अपस्किल करने में एलएंडडी/कॉर्पोरेट एचआर टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कुछ अंतराल पर अपने तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारियों के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। सीवीआरयू बिलासपुर के चांसलर श्री संतोष चौबे, आईसेक्ट के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और आईसेक्ट विश्वविद्यालय समूह की निदेशक श्रीमती अदिति चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की सफलता पर टीम सीवीआरयू और कॉर्पोरेट एचआर/एल एंड डी को बधाई दी।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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