यहां की जनता को बाहरी दुनिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। नॉर्थ कोरिया में टीवी पर सिर्फ तीन चैनल ही दिखाए जाते हैं। उत्तरी कोरिया में आप टीवी पर सिर्फ वही देख सकते हैं, जो वहां की सरकार दिखाना चाहती है। वहीं टीवी पर सिर्फ उत्तरी कोरिया के ही समाचार दिखाए जाते हैं।
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- Know about Strange Laws of North Korea
दैनिक भास्कर हिंदी: नॉर्थ कोरिया में हैं अजब-गजब कानून, जानकर हो जाएंगे हैरान
हाईलाइट
- नॉर्थ कोरिया में हैं अजीबो गरीब कानून।
- उत्तर कोरिया में नहीं पहन सकते हैं ब्लू जींस।
- अपने मन के मुताबित नहीं रख सकते हैं हेयर स्टाइल।
- घर में बाइबिल रखने पर होती है सजा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में रहने वाले हर एक व्यक्ति को रहने, बोलने, अपने तरीके से जीने की स्वतंत्रता है। हर कोई अपनी जिंदगी जिस तरीके से जीना चाहता है जी सकता है, लेकिन उत्तर कोरिया में ऐसे नियम और कानून हैं, कि वहां रहने वाले लोग न तो अपने मन से बाल कटवा सकते हैं और न ही टीवी देख सकते। हम आपको नॉर्थ कोरिया के ऐसे अजीबो गरीब कानून के बारे में बताएंगे। जिन्हें जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे।


उत्तर कोरिया में लोग अपने मन के मुताबित हेयर स्टाइल नहीं रख सकते हैं। यहां की सरकार ने 28 तरह की हेयर स्टाइल को मान्यता दी है। इनमें से 10 पुरुषों के लिए और 18 महिलाओ के लिए लागू हैं। यह प्रतिबंध 2013 में तानाशाह किम जोंग- उन ने लगाया था। इन हेयर स्टाइल्स में किम की हेयर स्टाइल को शामिल नहीं हैं।

उत्तर कोरिया में न तो आप बाइबिल पढ़ सकते हैं और ना ही अपने घर पर रख सकते हैं। अगर किसी ने ऐसा किया उसे सजा भुगतनी पड़ती है।

तानाशाह किम जोंग चाहता है कि उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगप्यांग में सिर्फ सफल, ताकतवर और अमीर लोग ही रहें। इसलिए अगर कोई व्यक्ति राजधानी में रहना चाहता है या घर बनाना चाहता है तो उसे सरकार से अनुमति लेनी होगी। जिसके बाद ही वो प्योंगप्यांग में रह सकेगा।

उत्तर कोरिया में अगर कोई व्यक्ति अपराध करता है तो, इसकी सजा तो उसे मिलती ही है। उसके साथ-साथ उसकी आने वाली तीन पीढ़ियों को भी भुगतनी पड़ती है।

- यहां पर लोगों को अखबार भी आसानी से नहीं मिलते हैं। बस स्टैंड पर अखबारों की कॉपी लगाई जाती है। जिसे अखबार पढ़ने के लिए यहां जाना पड़ता है।
- यहां कोई भी आम आदमी कार नहीं रख सकता है। यहां की सरकार के अधिकारी और सेना अधिकारी को ही कार रखने की अनुमति है।
- उत्तरी कोरिया में कोई भी ब्लू जींस नहीं पहन सकता है। इसके पीछे का कारण ये है की यहां की सरकार इसे अमेरिकी पहनावा मानती है।
- उत्तरी कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने अपने चाचा को नंगा करके 120 भूखे कुत्तो के पिंजरे में फिकवा दिया था।
- यहां चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था नहीं है। पुलिसकर्मी इशारों से वाहनों को कंट्रोल करते हैं।

- उत्तर कोरिया में एक ऐसा नियम लागू है जिसके चलते आप 8 जुलाई और 17 दिसंबर को खुशिया नहीं मना सकते हैं।
- आज पूरी दुनिया इंटरनेट पर काम कर रही है, लेकिन उत्तर कोरिया में लगभग 605 लोग ही इंटरनेट का यूज करते हैं।
- नॉर्थ कोरिया की सरकार के आदेश के अनुसार यहां सभी मकानों के लिए सिर्फ भूरे रंग का ही इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नार्थ कोरिया के हर घर में सरकार नियंत्रित रेडियो लगाये गए हैं। लोग इस रेडियो को बंद नहीं कर सकते हैं।
- बच्चों की स्कूल फीस के अलावा पैरेंट्स को उनके लिए टेबल, चेयर के लिए भी फीस देनी पड़ती है।

- नॉर्थ कोरिया में सिर्फ एक ही इंटरनेट कंपनी है, जो कोरियन भाषा में इंटरनेट की सर्विस देती है।
- यहां के नियम के अनुसार हर 5 साल में चुनाव होते हैं, लेकिन उम्मीदवार सिर्फ एक ही होता है।
- उत्तर कोरिया में आप किसी भी गरीब की फोटो नहीं ले सकते हैं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।