- Dainik Bhaskar Hindi
- Ajab Gajab
- The young man had disappeared about five decades ago, now the car and the skeleton of the young man were found
अजब-गजब : करीब पांच दशक पहले गायब हुआ था युवक, अब जाकर मिली कार और कंकाल

डिजिटल डेस्क, अलाबामा। दुनिया भर में कई लोगों के साथ हादसे होते हैं जबकि कई लोग परेशान होकर अचानक ही कही चले जाते हैं। लेकिन कभी ना कभी किसी ना किसी तरह से पुलिस या फिर लोग उस व्यक्ति को ढूंढ निकालते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कोई अचानक ही गायब हो जाए और उसके बारे में कभी किसी को पता ही चलता। ऐसा ही एक मामला आज से 48 साल पहले अमेरिका में रहने वाले क्लिंकस्केल्स फैमिली के साथ हुआ। जहां 22 साल के कायली क्लिंकस्केल्स अचानक ही गायब हो गए। लेकिन 48 सालों बाद भी यह पता नहीं चला की आखिर कायली गए तो कहा गए।
अचानक ही गायब हो गए कायली
डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार कायली क्लिंकस्केल्स अलाबामा के ऑबर्न यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते थे। जॉर्जिया के ला ग्रेंज में रहने वाले कायली पढ़ाई के साथ-साथ मूस क्लब नाम के एक बार में पार्ट टाइम जॉब भी किया करते थे। 27 जनवरी 1976 को कायली हमेशा की तरह अपनी कार लेकर अपनी यूनिवर्सिटी जाने के लिए निकले। इस दिन कायली को उनके परिवार और उनको जानने वालों ने आखिरी बार देखा था। इसके बाद कायली अचानक ही गायब हो गए।
लगभग 5 दशक बात मिली लाश
कायली के माता-पिता जॉन और लूसी क्लिंकस्केल्स ने इस घटना के बाद कायली को बहुत ढूंढा। लेकिन ना केवल कायली के पैरेट्स को बल्कि पुलिस और इस केस के जांचकर्ताओं को भी कायली की कोई जानकारी नहीं मिली। लेकिन करीब 5 दशक बाद अचानक ही पुलिस को कायली का पता चला। लेकिन तब तक कायली इस दुनिया को अलविदा कह चुका था। दिसंबर 2021 में अलाबामा के चैंबर्स काउंटी की एक नहर में एक बहुत पुरानी कार मिली। जिसकी जांच करने पर पता चला कि यह वहीं कार है जिसे साल 1976 में कायली चला रहा था। इसके साथ ही कार में से कायली के सामान के साथ एक कंकाल भी मिला।
एक साल बाद हुई कंकाल की पहचान
कार और कंकाल मिलने के एक साथ से भी अधिक समय बाद अब ट्रूप काउंटी शेरिफ ऑफिस ने यह साफ कर दिया है कि यह कंकाल कायली का ही है। 19 फरवरी 2023 को जारी किए गए अपने बयान में पुलिस ने बताया कि यह कंकाल कायली का ही है। पिछले पांच दशकों में कई नदी-नालों की जांच करने के बावजूद कायली का कुछ भी पता नहीं चला था। कायली के माता-पिता भी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। बता दें कि कायली के पैरेंट्स जब तक जिंदा रहे उन्होंने अपने बेटे की तलाश जारी रखी। लेकिन साल 2007 में कायली के पिता की मौत हो गई थी जबकि साल 2021 की शुरुआत में उनकी माता की भी मौत गई। पुलिस आज भी इस बात का पता नहीं लगा सकी है कि आखिरी साल 1976 में कायली के साथ क्या हुआ था और उसकी कार इसते सालों बार नहर में कैसे मिली।
भोपाल: आईसेक्ट द्वारा डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट द्वारा लर्निंग एंड डेवलपमेंट की पहल के तहत बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में "टीम बिल्डिंग, टाइम मैनेजमेंट और सॉफ्ट स्किल्स" विषय एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। आईसेक्ट भोपाल की कॉर्पोरेट एचआर टीम इस अवसर पर बिलासपुर में उपस्थित रही और श्रीमती पुष्पा कश्यप की अध्यक्षता में टीम एचआर, बिलासपुर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में 80 से अधिक फैकल्टी सदस्यों ने अपनी पूरी भागीदारी के साथ भाग लिया। विशेषज्ञ प्रख्यात वक्ता श्रीमती गीतिका जोशी जो प्रबंधन और सॉफ्ट स्किल्स में एक कॉर्पोरेट ट्रेनर हैं, ने बात करते हुए टाइम मैनेजमेंट के कई टिप्स दिए और कार्यस्थल पर प्रोडक्टिव होने के तरीके बताए। श्री गौरव शुक्ला, डॉ. सीवीआरयू के रजिस्ट्रार और प्रो-वाइस चांसलर श्रीमती जयती मित्रा ने इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारियों को अपस्किल करने में एलएंडडी/कॉर्पोरेट एचआर टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कुछ अंतराल पर अपने तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारियों के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। सीवीआरयू बिलासपुर के चांसलर श्री संतोष चौबे, आईसेक्ट के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और आईसेक्ट विश्वविद्यालय समूह की निदेशक श्रीमती अदिति चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की सफलता पर टीम सीवीआरयू और कॉर्पोरेट एचआर/एल एंड डी को बधाई दी।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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