MP: युवाओं के लिए मिसाल कायम कर रहीं टाइपिस्ट अम्मा, देखिए वीडियो
डिजिटल डेस्क, सीहोर। न तो कोई काम छोटा होता है और न ही किसी काम के लिए कोई उम्र होती है। जुनून और जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं और इसी का उदाहरण बन गई हैं सीहोर की 75 वर्षीय लक्ष्मी बाई। जो युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रही हैं। उनके काम को देखकर युवाओं को भी शर्म आ जाएगी। सीहोर की इस सुपरवुमन का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
A superwoman for me. She lives in Sehore in MP and the youth have so much to learn from her. Not just speed, but the spirit and a lesson that no work is small and no age is big enough to learn and work. Pranam ! pic.twitter.com/n63IcpBRSH
— Virender Sehwag (@virendersehwag) June 12, 2018
दरअसल हाल ही में पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर "टाइपिस्ट अम्मा" के नाम से मशहूर लक्ष्मीबाई का एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है, ये महिला मेरे लिए सुपरवुमन हैं। ये मध्यप्रदेश के सीहोर में रहती हैं। आगे उन्होंने लिखा आज के युवा इनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। सिर्फ इनकी टाइपिंग स्पीड ही नहीं, बल्कि जिंदगी जीने का जज्बा भी प्रेरणादायी है। ये सिखाती हैं कि कोई काम छोटा नहीं होता और न ही नया काम सीखने के लिए कोई उम्र ज्यादा नहीं होती है।
हैरत में डाल देगा 75 वर्षीय अम्मा का हुनर
इस बुजुर्ग महिला की फुर्ती और हुनर को देखकर हर कोई हैरत में पड़ जाएगा। ये टाइपिस्ट महिला बहुत ही तेजी से टाइपिंग करती है। टाइपिस्ट अम्मा की उंगलियां टाइपराइटर पर इतनी तेजी से चलती हैं कि नौजवानों को भी शर्म आ जाए। 75 साल की उम्र में भी टाइपिस्ट अम्मा में नौजवानों से ज्यादा जोश और जज्बा है, लेकिन उनके इस जुनून के पीछे कई दर्द भी छिपे हैं।
कलेक्ट्रेट में टाइपिस्ट हैं लक्ष्मी बाई
जानकारी के मुताबिक टाइपिस्ट अम्मा के नाम से फेमस हो रहीं लक्ष्मी बाई सीहोर के कलेक्ट्रेट ऑफिस में टाइपिस्ट हैं। वो अपनी दिव्यांग बेटी के साथ रहती हैं। टाइपिंग से होने वाली कमाई से ही वो बेटी की देखभाल करती हैं। बताया गया कि कई साल पहले लक्ष्मी बाई को दिव्यांग बेटी के साथ उनके पति ने घर से निकाल दिया था। तभी से वो अकेले ही बेटी को पाल रही हैं।
टाइपिंग स्पीड से प्रभावित होकर कलेक्टर और एसडीएम ने दिलाया काम
वो 2008 तक इंदौर के सहकारी बाजार में पैकिंग का काम करती थीं। वहीं पर लोगों को देख कर उन्होंने टाइपिंग सीख ली। उसके बाद उनकी मुलाकात तत्कालीन कलेक्टर राघवेंद्र सिंह और एसडीएम से हुई। वो लक्ष्मी बाई की टाइपिंग स्पीड देखकर इतना प्रभावित हुए कि, दोनों ने मिलकर कलेक्ट्रेट ऑफिस में आवेदन टाइप करने का काम दिलवा दिया। लक्ष्मी बाई तभी से टाइपिस्ट का काम कर रही हैं। उनकी टाइपिंग का वीडियो वायरल होने के बाद अब सुर्खियों में आ गई हैं।
Created On :   13 Jun 2018 12:33 PM IST