अजब-गजब: दुनिया का एक ऐसा देश जहां बच्चे हर रोज इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस कर जाते हैं स्कूल

अजब-गजब: दुनिया का एक ऐसा देश जहां बच्चे हर रोज इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस कर जाते हैं स्कूल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-12 10:06 GMT
अजब-गजब: दुनिया का एक ऐसा देश जहां बच्चे हर रोज इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस कर जाते हैं स्कूल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्कूल दूर होने की बातें तो अक्सर आपने सुनी ही होंगी, लेकिन क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि बच्चे इंटरनेशनल बॉर्डर पार कर किसी स्कूल में पढ़ने जाते हों। जी हां, अमेरिका में एक ऐसा स्कूल है, जहां हर रोज कई बच्चे इंटरनेशनल बॉर्डर पार करके पढ़ने आते हैं। यह स्कूल ऐसा है, जहां पासपोर्ट के बिना बच्चे का पढ़ना लगभग नामुमकिन है। इस स्कूल का नाम कोलंबस एलीमेंट्री स्कूल है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कूल में कुल 600 बच्चे पढ़ते हैं, जिसमें से करीब 420 बच्चे इंटरनेशनल बॉर्डर पार करके आते अपने क्लासरूम तक पहुंचते हैं। आइए जानते हैं कि, आखिर बच्चे अपने नजदीकी स्कूलों में जाने के बजाय बॉर्डर पार करके पढ़ने क्यों जाते हैं। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेक्सिको के प्योर्तो पालोमस में ऐसे बच्चों की संख्या बहुत है, जिनका जन्म तो अमेरिका में हुआ है, लेकिन चूंकि यह जगह मेक्सिको में पड़ती है, इसलिए उन्हें अमेरिका आने के लिए पासपोर्ट दिखाने की जरूरत पड़ती है। प्योर्तो पालोमस में रहने वाले बच्चे जब भी स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तो सबसे पहले वो अपना पासपोर्ट अपनी बैग में रख लेते हैं। इसके बाद जब वो अमेरिकी सीमा के चेक पोस्ट पर पहुंचते हैं तो वहां मौजूद गार्ड को अपना पासपोर्ट दिखाते हैं और जब उन्हें गार्ड की तरफ से सीमा में दाखिल होने की इजाजत मिल जाती है तो वो अमेरिका सीमा में दाखिल हो जाते हैं। 

कोलंबस एलीमेंट्री स्कूल की बस बच्चों को स्कूल तक ले जाने के लिए इंटरनेशनल बॉर्डर के पास बने बस स्टॉप तक आती है। फिर बच्चे उसमें चढ़कर अपने स्कूल चले जाते हैं। कुछ बच्चों को छोड़कर लगभग सभी बच्चे इस दौरान अपना पासपोर्ट अपने साथ रखते हैं। दरअसल, बच्चों को इंटरनेशनल बॉर्डर पार कर स्कूल आने की वजह ये है कि मेक्सिको के स्कूलों में स्पेनिश भाषा में पढ़ाई होती है जबकि अमेरिका में अंग्रेजी में। असल में मेक्सिको के लोगों का मानना है कि अंग्रेजी की पढ़ाई में ही भविष्य है और वो इसी वजह से अपने बच्चों को अमेरिका भेजते हैं ताकि उनकी पढ़ाई भी अच्छी हो सके और वो अंग्रेजी भाषा भी सीख सकें। 

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