लापरवाही से लगी आग से डेढ़ सौ हेक्टेयर का प्लांटेशन खाक- करोड़ों का नुकसान

लापरवाही से लगी आग से डेढ़ सौ हेक्टेयर का प्लांटेशन खाक- करोड़ों का नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-05 12:03 GMT
लापरवाही से लगी आग से डेढ़ सौ हेक्टेयर का प्लांटेशन खाक- करोड़ों का नुकसान

डिजिटल डेस्क  सिवनी । जिले में गर्मी की शुरूआत के साथ ही आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ गई है। आग की अधिकतर घटनाएं लापरवाही का नतीजा हैं। नरवाई में लगाई आग, शार्ट सर्किट और दूसरी वजहों से आग लग रही है। बीते वर्ष जिले में एक करोड़ की संख्या में पौधे लगाए जाने और विश्वरिकार्ड बनाने का जोर शोर से प्रचार किया गया था लेकिन लखनादौन में पिछले दो तीन में लगी आग के कारण लगभग 150 हेक्टेयर में लगे प्लांटेशन के पौधे नष्ट हो गए हैं। जिसके बाद अब वन अधिकारी इस मामले में दल गठन और जांच की बात कह रहे हैं।
आग से हुआ व्यापक नुकसान
वन परिक्षेत्र उत्तर वन मंडल (सा) लखनादौन की घूरवाड़ा बीट क्रमांक 99 लिंगपानी के जंगलों में 31 मार्च को आग लग गई। इस आग में 80 लाख रुपए की लागत से लगाए गए 150 हेक्टेयर का प्लांटेशन जलकर खाक हो गया। इस आग में न सिर्फ प्लांटेशन खाक हुआ बल्कि मवेशियों का चारा और छोटे पशु-पक्षी भी जल गए। 31 मार्च को सुबह से ही आग लगी जिसके बाद चौकीदार और दूसरे कर्मचारियों ने अपने स्तर पर आग बुझाने की कोशिश की लेकिन उनके प्रयास नाकाफी साबित हुए। सूखी घास, पतझर में झड़े पत्तों आदि के कारण दावानल बढ़ता ही गया। जबकि इसी वक्त पर लखनादौन के वन विद्यालय के दीक्षांत समारोह में वन विभाग के कई आला अधिकारी मौजूद थे लेकिन बावजूद इसके वे मौके पर नहीं पहुंचे। यदि अधिकारी मौके पर पहुंचते और दमकल आदि के इंतजाम किए जाते तो इस आग पर काबू पाया जा सकता था साथ ही नुकसान इतना व्यापक न होता।
स्थानीय समितियों की अनदेखी
वन क्षेत्रों में हो रहे वानिकी के कार्यों को वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा बाहर के ठेकेदारों से कराए जाने के कारण स्थानीय व क्षेत्रीय सहित वन समितियों की उपेक्षा हो रही है। जिसके चलते वन क्षेत्रों से उनका लगाव कम हो रहा है। इस उपेक्षा का प्रमाण शासकीय दस्तावेजों में भुगतान प्रपत्र में देखा जा सकता हैं। स्थानीय समितियां एवं मजदूर वर्ग प्राकृतिक वन संपदा जैसे तेंदूपत्ता, चार बिजी, महुआ, माहौल पत्ता, आंवला आदि बटोरकर जीवन यापन करते है एवं मजदूरी का कार्य विभाग इन्हें ही मिलता है।
जिससे स्थानीय समितियां रोजगार नहीं मिल पाता जिसकी वजह से आसपास के ग्रामीण जन दूसरे जिले में पलायन कर रहें है । इसी उपेक्षा के चलते ग्रामीण जनों की वन विभाग से दूरियां बढते जा रही हैं।
जिम्मेदारों के अजीब जवाब
 वन परिक्षेत्र अधिकारी विजय पाठक का कहना है कि आग लगना कोई बड़ी घटना नहीं है। आग आए दिन छोटे-बड़े क्षेत्र में लगती ही रहती है। घटना के चार दिन बाद भी श्री पाठक यह नहीं बता सके कि कुल कितने क्षेत्र में आग लगी है और कुल कितना नुकसान हुआ है।
इनका कहना है...
  मकरझिर के पास लिंगपानी के नजदीक 150 हेक्टेयर के प्लांटेशन में से 50 हेक्टेयर में ही आग लगी थी। वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन के बाद ही पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।
डीएल भगत, अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग लखनादौन
जंगलों में आग आए दिन लगती रहती है। कहीं बड़े क्षेत्र में तो कभी छोटे क्षेत्र में.., हम आग रोकने के लिए प्रयास करते रहते हैं। कितने क्षेत्र में आग लगी है अभी नहीं बता सकता।
विजय पाठक, वन परिक्षेत्र अधिकारी

 

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