नहीं हो रहे थे बच्चे तो अस्पताल से चोरी किया नवजात,3 गिरफ्तार

नहीं हो रहे थे बच्चे तो अस्पताल से चोरी किया नवजात,3 गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-28 11:37 GMT
नहीं हो रहे थे बच्चे तो अस्पताल से चोरी किया नवजात,3 गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, सिवनी। जिला अस्पताल से पिछले दिनों हुई बच्चा चोरी के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। वारदात की मुख्य आरोपी महिला को बच्चे नहीं हो रहे थे इसलिए उसने यह रास्ता अपनाया। कोतवाली पुलिस को सोमवार को एक बड़ी सफलता मिली जब उसने शिवपुरी से नवजात गुम बच्चे को बरामद करने में सफलता प्राप्त कर ली है। एसपी ललित शाक्यवार ने बताया कि सिवनी से चौरई-छिंदवाड़ा होते हुए आरोपी नवजात को लेकर शिवपुरी पहुंचे थे। कोतवाली से शिवपुरी पहुंची टीम ने आरोपियों को बच्चे के साथ बरामद कर लिया और सिवनी ले आए हैं। पुलिस ने मामले में महिला दुर्गा पटेल पति बंटी शर्मा (30), उसके पति बंटी शर्मा पिता शिवराम शर्मा (25), निवासी ग्राम सुनाज थाना कोलारस शिवपुरी और 16 वर्ष की एक नाबालिग को मासूम के साथ धर दबोचा है। इसके साथ ही इस काम में 108 एंबुलेंस चालक आसिफ खान निवासी बंडोल सिवनी को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही सिवनी से एक महिला कविता रजक पति प्रमोद रजक (50) को भी गिरफ्तार किया गया है। 
 

बच्चा नहीं हो रहा था इसलिए की चोरी
एसपी शाक्यवार के अनुसार पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि दुर्गा पटेल का विवाह कम उम्र में हो गया था। पति की मौत के बाद सिवनी आकर मंगलीपेठ में रहने लगी। जहां उसकी मुलाकात कविता रजक से हुई जिसने दुर्गा लोधी को को मड़ई लखनादौन में एक चाय दुकान पर काम करने लगा दिया। यहीं उसके संबंध बंटी शर्मा से हुए। जिसके साथ वह शिवपुरी में रह रही थी। डेढ़ साल बाद भी बच्चे न होने से घर में कलह होने लगी थी। जिसके बाद आसिफ और दुर्गा ने कविता से पचास हजार रुपए में बच्चा देने की बात कही। इस दौरान कविता ने खुद को गर्भवती दिखाने की कोशिश की, दवाइयां आदि भी लेने लगी।  आसिफ और दुर्गा ने कविता को घटना के दो दिन पहले पीएनसी वार्ड में घुमाया। यहां पर एक बच्चा देखा गया लेकिन वह बड़ा निकला। जिसके बाद इस बच्चे को देखा गया। 
 

बच्चे का नाम रखा मृत्युंजय
बड़ी मशक्कत के बाद बरामद किए गए नवजात को सोमवार को ही पुलिस ने पीड़िता मां मोनिका उइके और पिता संतोष उइके के सुपुर्द किया। पुलिस ने इस नवजात को मृत्युजंय नाम दिया है। जो उसके बीते दो-तीन दिन के संघर्ष को देखते हुए सही कहा जा सकता है। एसपी का कहना है कि पुलिस को डर था कि कहीं आरोपी मासूम की हत्या न कर दें। इस कारण पुलिस ने काफी धैर्य बरता। 
 

यह है मामला 
24 मई की सुबह साढ़े छह बजे जिला अस्पताल के पीएनसी वार्ड में डिलेवरी के बाद भर्ती कराया गया था। जहां से उसके दो दिन के नवजात को अज्ञात महिला ने खिलाने के बहाने चोरी कर लिया था। जिसके बाद से पुलिस सीसीटीवी और शहर में लगे कैमरों की पड़ताल करने लगी। जिसके जरिए 108 के चालक आसिफ का सुराग पुलिस को लगा। पुलिस ने धारा 363 के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ईनाम का भी ऐलान कर रखा था।  
 

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