विवाद: वर्ल्ड कप-2011 फिक्सिंग मामले को लेकर संगकारा और जयावर्धने से आज होगी पूछताछ

विवाद: वर्ल्ड कप-2011 फिक्सिंग मामले को लेकर संगकारा और जयावर्धने से आज होगी पूछताछ

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-02 05:17 GMT
विवाद: वर्ल्ड कप-2011 फिक्सिंग मामले को लेकर संगकारा और जयावर्धने से आज होगी पूछताछ
हाईलाइट
  • टीम इंडिया ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हराया था
  • श्रीलंका के पूर्व खेल मंत्री महिंदानंद अल्थगामागे ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल मैच फिक्स होने का आरोप लगाया

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा को विशेष जांच समिति ने पूर्व खेल मंत्री द्वारा दिए गए 2011 वर्ल्ड कप फाइनल फिक्स होने के बयान को लेकर पूछताछ के लिए बुलाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, संगकारा के साथ पूर्व कप्तान महेला जयावर्धने को भी विशेष समिति ने गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस वर्ल्ड कप में संगकारा टीम के कप्तान थे। इससे पहले श्रीलंकाई क्रिकेटर उपुल थरंगा और पूर्व कप्तान और 2011 में चीफ सिलेक्टर रहे अरविंद डी सिल्वा से 6 घंटे पूछताछ हुई थी। 

न्यूजफस्र्ट डॉट एलके की रिपोर्ट के मुताबिक, थरंगा विशेष जांच समिति के सामने पेश हुए। थरंगा ने उस मैच में 20 गेंदों पर सिर्फ दो रन बनाए थे और जहीर खान का शिकार बने थे। थरंगा से पहले श्रीलंका के पूर्व कप्तान और मुख्य चयनकर्ता अरविंद डी सिल्वा से कथित तौर पर मंगलवार को तकरीबन छह घंटे पूछताछ की गई थी।

खेल मंत्री ने लगाया था फाइनल मैच फिक्स होने का आरोप
खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगमागे ने दावा किया था 2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया फाइनल मैच फिक्स था। उन्होंने कहा था, 2011 वर्ल्ड कप फाइनल फिक्स था, मैं अपनी बात पर कायम हूं। यह तब हुआ था जब मैं खेल मंत्री था। उन्होंने पिछले महीने कहा था, मैं हालांकि देश की खातिर जानकारी साझा नहीं कर सकता। भारत के खिलाफ 2011 में खेला गया मैच, हम जीत सकते थे, लेकिन वो फिक्स था।

अलुथगमागे ने कहा था, मैं यह पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं और मैं इस पर बहस करने को भी तैयार हूं। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि मैं कहीं इसमें किसी क्रिकेटर को न शामिल कर दूं। हालांकि एक निश्चित समूह मैच को फिक्स करने में शामिल जरूर था। इन आरोपों के बाद 2011 वर्ल्ड कप में श्रीलंका के कप्तान रहे कुमार संगकारा ने इस मामले में सबूत मांगे थे।

संगकारा ने कहा था, फिर किसी को अटकलें लगाने नहीं चाहिए और इसकी गहराई में जाना चाहिए। यही कड़ी कार्रवाई का सबसे विवेकपूर्ण तरीका होना चाहिए।   महेला जयावर्धने ने लिखा था, चुनाव पास में हैं तो लगता है कि सर्कस शुरू हो गया है। नाम और सबूत।

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