संगीतकार राम-लक्ष्मण को लता मंगेशकर पुरस्कार, अब कला महाविद्यालयों में दिव्यांगों के लिए 5 फीसदी आरक्षण

संगीतकार राम-लक्ष्मण को लता मंगेशकर पुरस्कार, अब कला महाविद्यालयों में दिव्यांगों के लिए 5 फीसदी आरक्षण

Tejinder Singh
Update: 2018-10-26 15:59 GMT
संगीतकार राम-लक्ष्मण को लता मंगेशकर पुरस्कार, अब कला महाविद्यालयों में दिव्यांगों के लिए 5 फीसदी आरक्षण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ‘मैंने प्यार किया", ‘हम आपके हैं कौन" और ‘हम साथ-साथ हैं" जैसी सदाबहार फिल्मों को अपने संगीत से सजाने वाले संगीतकार विजय पाटिल उर्फ राम लक्ष्मण को इस साल का गायन सम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार दिया जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से दिया जाने वाला यह पुरस्कार उन्हें आगामी 29 अक्टूबर को रविंद्र नाट्य मंदिर में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की तरफ से हर साल गायन और संगीत के क्षेत्र में अनमोल योगदान देने वाले कलाकार को गायन सम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपए नकद, सम्मान चिन्ह प्रदान किया जाता है।

सांस्कृतिक कार्य मंत्री विनोद तावड़े की अध्यक्षता में समिति ने इस बार पुरस्कार के लिए संगीतकार विजय पाटिल उर्फ राम लक्ष्मण का चुनाव किया गया। इसके पहले यह पुरस्कार माणिक वर्मा, श्रीनिवास खले, गजानन वाटवे, दत्ता डावजेकर, पंडित जितेंद्र अभिषेकी, पंडित हदयनाथ मंगेशकर, ज्योत्सना भोले, आशा भोसले, अनिल विश्वास, सुधीर फडके, प्यारेलाल शर्मा, रवींद्र जैन, स्नेहल भाटकर, मन्ना डे, जयमाला शिलेदार, खय्याम, महेंद्र कपूर, सुमन कल्याणपुर, सुलोचना चव्हाण, यशवंत देव, आनंदजी शहा, अशोक पत्की, कृष्णा कल्ले, प्रभाकर जोग, उत्तम सिंह, पुष्पा पागधरे को प्रदान किया जा चुका है।

सांस्कृतिक कार्य मंत्री विनोद तावडे, मुंबई जिले के पालक मंत्री सुभाष देसाई, परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर, सांसद राहुल शेवाले, विधायक सदा सरवणकर की उपस्थिति में राम लक्ष्मण को यह पुरस्कार पिछले साल की पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ गायिका पुष्णा पागधरे प्रदान करेंगी। 

कला महाविद्यालयों में दिव्यांग छात्रों के लिए 5 फीसदी आरक्षण
अब प्रदेश के सरकारी कला महाविद्यालय व गैर सरकारी अनुदानित संस्थाओं के सभी पाठ्यक्रमों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए 5 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। इन संस्थाओं में प्रवेश के लिए उच्चतम आयु सीमा विकलांग विद्यार्थियों के लिए 5 वर्ष शिथिल की गई है। शुक्रवार को प्रदेश सरकार के उच्च व तकनीकी विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके मुताबिक राज्य सरकार के कला निदेशालय के अधीन आने वाले सभी महाविद्यालयों के लिए यह फैसला लागू होगा। सरकार ने कला निदेशक को विभिन्न पाठ्यक्रमों के प्रवेश नियम में जरूरी संशोधन करने का निर्देश दिया है। विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सीटें आरक्षित करने का फैसला किया गया है।

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