क्या कोरोना के सब-वेरिएंट बीए.5 से दिमाग पर बुरा असर होता है? पीआईबी ने बताई सच्चाई

फैक्ट चैक क्या कोरोना के सब-वेरिएंट बीए.5 से दिमाग पर बुरा असर होता है? पीआईबी ने बताई सच्चाई

Anchal Shridhar
Update: 2023-01-04 08:47 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना ने चीन समेत दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचा रखा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है। इस बीच सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़ा एक मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कोरोना के सब वेरिएंट बीए.5 दिमाग के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 

पीआईबी ने किया फैक्ट चैक

वायरल मैसेज का भारत सरकार की एजेंसी प्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी पीआईबी ने फैक्ट चेक कर इसकी सच्चाई लोगों तक पहुंचाई है। अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर पीआईबी ने इसे फर्जी बताया है। पीआईबी के मुताबिक वायरल पोस्ट दी गई जानकारी भ्रामक है। किसी भी शोध में ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है। 

दरअसल कई मीडिया रिपोर्टों में ऐसा कहा गया था कि शोधकर्ताओं के मुताबिक, चीन बढ़ रहे कोरोना के सब-वेरिएंट बीए.5 लोगों के मस्तिष्क पर अटैक करने के लिए विकसित हो सकता है। चाइना के एक मीडिया वेबसाइट के अनुसार, यह शोध कोरोना के पिछली उन धारणाओं के सामने चुनौती पेश करता है जिनमें कहा गया है कि वायरस समय के साथ कमजोर हो जाते हैं। कोरोना के सब-वेरिएंट BA.5 पर हुए नए शोध ने सुझाव दिया है कि ये मानव मस्तिष्क पर हमला करता है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक अब तक हुए कई अध्ययनों से ये जानकारी प्राप्त हुई है कि बीए.5 अन्य सब-वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक है और कोविड-19 टीकाकरण से भी बच सकता है। ये चीन के अलावा 100 से अधिक देशों में पाया गया है।

ऐसे मैसेजों का कराए फैक्ट चेक

अगर आपके पास भी इस तरह के कोई मैसेज आते हैं तो आप उसकी सच्चाई जानने के लिए लिए फैक्ट चेक पीआईबी के माध्यम से करा सकते हैं। इसके लिए आपको पीआईबी के ऑफिशियल वेबसाइट https://factcheck.pib.gov.in/ पर विजिट करना होगा। इसके अलावा आप वाट्सएप नंबर +918799711259 या ईमेल आईडी pibfactcheck@gmail.com पर भी मैसेज या वीडियो भेज कर फैक्ट चेक करा सकते हैं। 

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