चीन में बुखार की दवाइयों की बढ़ी मांग, स्टॉक इकठ्ठा कर रख रही है पब्लिक

ड्रैगन पर आई आफत चीन में बुखार की दवाइयों की बढ़ी मांग, स्टॉक इकठ्ठा कर रख रही है पब्लिक

Shiv Pathak
Update: 2023-03-15 16:27 GMT
चीन में बुखार की दवाइयों की बढ़ी मांग, स्टॉक इकठ्ठा कर रख रही है पब्लिक
हाईलाइट
  • महज 13 दिनों के भीतर 5 लाख 33 हजार से ज्यादा बुखार की दवाएं बेची गई हैं

डिजिटल डेस्क, शंघाई। पड़ोसी देश चीन में इन दिनों बुखार की दवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग बड़े पैमाने पर बुखार की दवाइयां स्टॉक करके रख रहे हैं। इसकी वजह से इन दवाइयों की बिक्री में 100 प्रतिशत तक की वृद्धी हुई है। इसकी बड़ी वजह कोरोना का डर भी माना जा रहा है क्योंकि चीन में अचानक ही जीरो कोविड पॉलिसी में ढील दी गई है। जिसके बाद करोड़ों लोग मार्केट और ऑफिस के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ हैं। जिसकी वजह से जेनरिक नाम ओसेलटैमिविर से बेची जाने वाली बुखार की दवा ने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 

बुखार की दवाईयों की रिकॉर्डतोड़ बिक्री

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट से अनुसार ताओबाओ और मॉल जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा मार्च महीने की शुरुआत से महज 13 दिनों के भीतर 5 लाख 33 हजार से ज्यादा बुखार की दवाएं बेची गई हैं। जो कि पिछले साल बेची गई बुखार की दवाओं की तुलना में 129 प्रतिशत अधिक है। बुखार की दवाओं की बढ़ी इस मांग को लेकर शंघाई में रहने वाले हेल्थकेयर एनालिस्ट वांग रुइझे ने कहा कि लोगों के मन में इस बात का डर बैठ गया है कि देश में कोरोना संकट दोबार से बढ़ सकता है। जिसकी वजह से वह डर के मारे बचाव के लिए बड़े पैमाने पर बुखार की दवा खरीद रहे हैं। 

मांग बढ़ने पर कीमतों में इजाफा

उन्होंने आगे कहा कि इतने बड़े पैमाने पर एक ही प्रकार की दवा की मांग बढ़ने की वजह से मार्केट में स्टॉक की कमी हो गई है। जिसकी वजह से इनकी कीमतों में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। दरअसल चीन सरकार ने पिछले साल के आखिर में जीरो कोविड पॉलिसी हटा दी थी, इससे अचानक ही देश में कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी होने लगी। हालांकि अब केसेस की संख्या में कमी आ चुकी हैं, लेकिन फिर भी लोग डरे हुए हैं। इसलिए लोग बड़े पैमाने पर दवाएं खरीदकर घर में रखना चाहते हैं। वांग रुइझे ने कहा, "ऐसा लगता है कि कुछ लोग एंटी-वायरल दवाओं को जमा कर रहे हैं। बच्चों में बुखार के मामले बढ़ने से पैरेट्स में डर बढ़ा है।" 

 

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