पाकिस्‍तानी चुनाव आयोग ने आतंकी हाफिज सईद को दिया झटका, चुनाव नहीं लड़ पाएगी MML

पाकिस्‍तानी चुनाव आयोग ने आतंकी हाफिज सईद को दिया झटका, चुनाव नहीं लड़ पाएगी MML

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-15 04:24 GMT
पाकिस्‍तानी चुनाव आयोग ने आतंकी हाफिज सईद को दिया झटका, चुनाव नहीं लड़ पाएगी MML
हाईलाइट
  • इसलिए इस पार्टी को मान्‍यता नहीं दी जा सकती।
  • आयोग के इस फैसले के बाद बौखलाई एमएमएल ने ये घोषणा कर दी है कि अगर चुनाव से पहले उच्‍च न्‍यायालय ने आयोग के पक्ष में फैसला नहीं सुनाया तब पार्टी चुनाव में हिस्सा लेगी।
  • आयोग ने कहा कि एमएमएल आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और आतंकी हाफिज सईद की विचारधारा का अनुसरण करता है।
  • पाक चुनाव आयोग की चार सदस्‍यीय टीम ने आतंकी सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमए

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। मुंबई हमले के मास्टर माइंड और कश्मीरी लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने के आरोपी हाफिज सईद को पाकिस्तान चुनाव आयोग ने जोरदार झटका दिया है। पाक चुनाव आयोग की चार सदस्‍यीय टीम ने आतंकी सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत करने की अर्जी को खारिज कर दिया है। आयोग के इस फैसले के बाद बौखलाई एमएमएल ने ये घोषणा कर दी है कि अगर चुनाव से पहले उच्‍च न्‍यायालय ने आयोग के पक्ष में फैसला नहीं सुनाया तब पार्टी चुनाव में हिस्सा लेगी।

पाक चुनाव आयोग ने माना आतंकी है सईद

चुनाव आयोग ने सईद की पार्टी पर ये फैसला पाकिस्‍तान के गृह मंत्रालय की टिप्पणियों को ध्‍यान में रखते हुए सुनाया है। आयोग ने कहा कि एमएमएल आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और आतंकी हाफिज सईद की विचारधारा का अनुसरण करता है। इसलिए इस पार्टी को मान्‍यता नहीं दी जा सकती। उधर, गृह मंत्रालय ने कहा है कि एमएमएल देश में प्रतिबंधित जेयूडी की ही एक शाखा है, जिसे मंजूरी नहीं दी जा सकती है।

 

 

एमएमएल ने क्या कहा?

आयोग के इस फैसले के बाद एमएमएल ने कहा कि उसका लश्‍कर या जेयूडी से किसी भी तरह को कोई नाता नहीं है। पार्टी ने साफ किया है कि उसका किसी आतंकी संगठन या उनके विधारधारा से कोई लेनादेना नहीं है। पार्टी का आरोप है कि आयोग ने दबाव में आकर ये फैसला सुनाया है। एमएमएल प्रवक्‍ता का कहना है कि इस फैसले में मुस्लिम लीग और नवाज शरीफ के दबाव में ये फैसला सुनाया है। 

 

25 जुलाई को आम चुनाव

पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होना है। इस चुनाव को ध्यान में रखकर ही जेयूडी ने बीते अगस्त एमएमएल की स्थापना की थी। आतंकी सईद पिछले महीने से ही एमएमएल के लिए चुनाव प्रचार कर रहा है। उसने खुद चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया है, लेकिन कुछ दिन पहले जेयूडी ने कहा था कि वो देशभर में राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर अपने 200 से ज्यादा उम्मीदवार उतारेगा।

चुनाव आयोग द्वारा जमात-उद-दावा की पार्टी रजिस्टर्ड नहीं होने पर सईद ने अपने उम्मीदवारों को एक निष्क्रिय राजनीतिक पार्टी अल्लाह-हू-अकबर तहरीक (एएटी) से मैदान में उतारने का फैसला किया है। ये पार्टी पाक चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड है। जमात-उद-दावा के उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग से नॉमिनेशन पेपर भी ले लिए हैं। वे अल्लाह-हू-अकबर तहरीक पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। एएटी का चुनाव चिह्न कुर्सी है।

 

 

सईद को बचाने पाक ने किया अलर्ट जारी

पाक ने भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के खिलाफ अलर्ट जारी कर दिया है। पाक ने अलर्ट में कहा कि भारत जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख आतंकी अब्दुल रहमान मक्की और हाफिज सईद को मारने की प्लानिंग कर रहा है। इसके अलावा पाक ने ये भी कहा कि पाकिस्तान में भारत का एक हैंडलर भी मैजूद है जो मक्की को उसी के दफ्तर में निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। पाक के मुताबिक हैंडलर मक्की के घर और रेस्टोरेंट पर नजर रखे हुए है। इतना ही नहीं पाक के आरोपों के मुताबिक भारत इन दो नेताओं के अलावा जमात-उद-दावा के दूसरे नेताओं को निशाना बनाए हुए है। वहीं भारत सरकार ने पाकिस्तान के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

अमेरिका में भी हाफिज के सिर पर करोड़ों रुपए का ईनाम

पाकिस्‍तान में सक्रिय आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का लश्कर-ए-तैयबा से गहरा रिश्‍ता है। भारत में मुंबई हमले के बाद यह आतंकी संगठन सुर्खियों में आया। इसके बाद जमात-उद-दावा अपने आंतकी वारदातों से विश्‍व पटल पर कुख्‍यात हो गया। मुंबई हमलों के बाद साल 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने भी हाफिज के नाम को आतंकियों की सूची में डाला था। अमेरिका ने भी हाफिज के सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है।

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