दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखेंगी ISRO की 13 सैटेलाइट्स

दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखेंगी ISRO की 13 सैटेलाइट्स

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-26 07:32 GMT
दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखेंगी ISRO की 13 सैटेलाइट्स

टीम डिजिटल, नई दिल्ली। अब दुश्मनों पर नजर रखने के लिए भारतीय सेना इसरो की 13 सैटेलाइट का प्रयोग करेगी। सभी सैटेलाइट के माध्यम से बॉर्डर पर दुश्मनों की गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। इसरो द्वारा लॉन्च की गई 13 सैटेलाइट में कार्टोसेट सीरीज-2 शामिल है। इन सभी सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा के करीब स्थापित किया गया है। सूत्रों के अनुसार कार्टोसेट-2 सैटेलाइट के साथ कार्टोसेट 1 रीसेट-1 और रीसेट -2 सैटेलाइट भी भारतीय सेना दुश्मनों पर नजर रखेगी। ये सभी सैटेलाइट भारतीय सीमा में होने वाली हलचल को स्कैन कर सेना को जल्द से जल्द सूचित करेंगी।

इन सैटेलाइट को पृथ्वी की सतह से 200 से 1200 किलोमीटर की ऊंचाई पर लगाया गया है। ऐसे में अब सेना के पास सीमा पर किसी भी गतिविधि की जानकारी जल्द से जल्द पहुंचाई जा सकती है। भारतीय जलसेना भी दुश्मनों पर नजर रखने के लिए इसे अपने प्रयोग में लाएगी। भारतीय जलसेना G-SAT सैटेलाइट को प्रयोग में लाकर दुश्मनों की गतिविधि पर नजर रखेंगी, जिसमें वो युद्धपोतों, पनडुब्बियों, विमानों से सही समय पर संपर्क साध सकेगी।

भारत एंटी-सैटेलाइट वीपन (ASAT) का इस्तेमाल कर दुश्मनों पर हमला करने की भी क्षमता रखता है  ये तकनीक केवल भारत के अलावा रूस, अमेरिका और चीन के पास ही मौजूद है, लेकिन इसरो इस प्रोजेक्ट के साथ अभी जुड़ना नहीं चाहती है। वहीं, रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व निदेशक और रक्षा तकनीकी विशेषज्ञ रवि गुप्ता ने कहा, लंबी दूरी तक भेदने वाली बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-वी के विकास की प्रक्रिया में तकनीकी क्षमताओं को विकसित किया गया है और जरूरी हुआ तो सैटेलाइट प्रक्षेपण की मांग पर इसे फिर से दोहराया जा सकता है।

रवि गुप्ता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब आमने-सामने लड़ाई करने का जमाना जा चुका है, क्योंकि नई-नई तकनीकियों की वजह से सेना दुश्मनों पर नजर रखने के लिए रिमोट सेंसिंग, सूचना प्रकिया और सही समय पर संपर्क साधने वाली जैसी तकनीकियों पर निर्भर है, इसलिए सैटेलाइट रणनीति युद्ध के परिणाम को बदलने में एक अहम भूमिका निभा रही है।

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