Escalation Ladder: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहा तनाव, एस्केलेशन के चौथे चरण में है इंडियन और पाक आर्मी, जानें कब होता है पूर्ण युद्ध शुरू

- भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ रहा है तनाव
- एस्केलेशन सीढ़ी के चौथे चरण पर आ गया इंडिया-पाक
- एस्केलेशन के बारे में जानें सभी जरूरी जानकारियां
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले को अब 17 दिन बीत चुके हैं। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की और पाकिस्तान ने अगले दिन जवाबी हमला किया. इस दौरान आपने बार बार एक शब्द सुना होगा कि भारत की कार्रवाई नॉन एस्केलेटिंग थी. इसके बाद से एस्केलेशन और डिएस्केलेशन शब्द आपने अब तक कई बार सुना होगा और तनाव की स्थिति बने रहने पर आगे भी कई बार सुनेंगे. लेकिन सैन्य शब्दावली में एस्केलेशन और डी एस्केलेशन का मतलब होता क्या है. पहलगाम हमले से अब तक भारत और पाकिस्तान का तनाव एस्केलेशन लैडर की चौथी सीढ़ी चढ़ चुका है। 7 मई को भारत की तरफ से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। इसके अगले दिन पाकिस्तान की तरफ से भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया और मिसाइल के साथ ड्रोन हमले किए थे। इसमें समझने वाली बात है कि आखिर ये एस्केलेशन लैडर क्या है जिसके मुताबिक समझ आता है कि तनाव के बीच दोनों देशों के बीच क्या हालात और पूर्ण युद्ध का ऐलान कब होगा।
क्या है एस्केलेशन लैडर?
बता दें, किसी दो देशों में संघर्ष की शुरुआत किसी घटना की वजह से या उस पर की गई बयानबाजी के बाद से होती है। इसके बाद हल्के सैन्य कदम उठाए जाते हैं और फिर बढ़ते हुए ये तनाव अपने सबसे भयानक रूप में पहुंच जाता है, जिसे सर्वनाश या गंभीर डिस्ट्रक्शन के रूप में समझा जा सकता है। देशों के बीच होने वाले तनावों को अलग-अलग लेवल पर देखा जाता है, मापा जाता है और सुलझाया जाता है। डिफेंस और इंटरनेशनल रिलेशंस की डिक्शनरी के मुताबिक, इस तनाव को एस्केलेशन लैडर नाम दिया गया है। इसके हिसाब से ही समझा जाता है कि दो देशों के तनाव के बीच किस स्तर पर चीजें बिगड़ रही हैं और उसको कैसे रोकने की जरूरत है। खासकर परमाणु हथियारों वाले देशों में एस्केलेशन को समय पर ही रोकना जरूरी होता है नहीं तो काफी ज्यादा तबाही मच जाती है। अमेरिका के मिलिट्री स्ट्रैटजिस्ट हर्मन कान की तरफ से साल 1965 में 'ऑन एस्केलेशन: मेटाफर्स एंड सिनैरियोस' लिखी थी, जिसमें उन्होंने एस्केलेशन लैडर की थ्योरी समझाई थी। उनकी सीढ़ी में एस्केलेशन के कुल 77 स्टेप्स शामिल थे। इसके बाद मॉडर्न मिल्ट्री एक्सपर्ट ने इसके मुख्य तौर पर 7 स्टेप कर दिए थे।
क्या है एस्केलेशन लैडर के वो 7 स्टेप्स?
एस्केलेशन लैडर के सात स्टेप्स के बारे में जानें तो, सबसे पहले बातचीत, चेतावनी और विरोध किया जाता है। इसके बाद व्यापार, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पर रोक लगाई जाती है।
उसके बाद तीसरे चरण में सैन्य बलों की तैनाती की जाती है और युद्धाभ्यास किया जाता है।
चौथे चरण में सर्जिकल या एयर स्ट्राइक्स, सैन्य झड़प और गोलीबारी की जाती है। आपको बता दें, कि भारत और पाकिस्तान अपने युद्ध में अभी चौथे चरण में ही हैं।
पांचवे चरण में खुलेतौर पर आर्मी, नेवी और वायु सेना के साथ जंग होती है।
छटवे चरण में परमाणु हथियारों की धमकी के साथ छोटे परमाणु हमले किए जाते हैं।
वहीं, सातवें चरण में बड़े पैमाने पर परमाणु हमले होते हैं और पूर्ण रूप से युद्ध चलता है।
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भारत और पाक के बीच तनाव अभी कौन से चरण पर है?
बात करें भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की तो दोनों देश अभी एस्केलेशन की चौथे चरण में हैं। बीते 17 दिनों में दोनों देश एक-एक करके आगे बढ़ रहे हैं।
सबसे पहले 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले करवाकर पाकिस्तान ने एस्केलेशन की शुरुआत की थी।
फिर 23 अप्रैल को भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान पर 5 पॉइंट एक्शन लिया था। उसमें उन्होंने डिप्लोमैट्स की संख्या घटाने से लेकर अटारी वाघा बॉर्डर बंद करना और सिंधू जल संधि रद्द करना शामिल था।
इसके बाद पाकिस्तान ने भी कड़े कदम उठाए थे। वहीं, तीसरे चरण में पाकिस्तान ने पहलगाम में हुए हमले के बाद अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी थी और उनके नेता के साथ सैन्य अफसर परमाणु हमले की धमकी दे रहे थे। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने मिसाइल टेस्टिंग की थी और युद्ध की प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी थी।
इसके बाद भारत ने 7 मई को पीओके और पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया था। 8 मई को पाकिस्तान की तरफ से भारत पर हमले की कोशिश की गई थी लेकिन सेना ने S-400 डिफेंस सिस्टम की मदद से हमले को नाकाम कर दिया था। इसके जवाब में ही भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को तबाह कर दिया था।
पाकिस्तान के हमले के बाद दोनों देशों के बीच जंग शुरू?
एस्केलेशन लैडर में पांचवां चरण भी पूर्ण युद्ध के समान होता है। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर राय ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, कोई भी देश जंग का ऐलान करके जंग नहीं लड़ता है। किसी एक देश की कार्रवाई करने के बदले दूसरी तरफ से जैसा रिस्पॉन्स आता है उसके हिसाब से ही तय किया जाता है कि आगे का एक्शन कितना सख्त होना चाहिए। इसके लिए ही अंग्रेजी शब्द 'एस्केलेट दी लैडर' का उपयोग किया जाता है।
जंग और पूर्ण युद्ध का क्या है मतलब?
पर्शियन मिलिट्री जनरल कार्ल वॉन क्लॉजविट्ज के अनुसार, जंग एक ऐसी हिंसा है, जिसका मकसद विरोधियों को इतना ज्यादा मजबूर कर दिया जाए कि वो हमारी इच्छा को पूरी कर दे। वहीं, दोनों ही देशों ने खुलकर जंग का ऐलान नहीं किया है, लेकिन दोनों ही तरफ से लगातार एक्शन जारी है। ऐसे में अगर सैन्य कार्रवाइयां बढ़ जाती हैं तो ऐसा माना जा सकता है कि स्ट्रगल भी बढ़ जाएगा। बता दें, जब सेना के तीनों अंग (आर्मी, एयरफोर्स और नेवी) शामिल हो जाते हैं तो इसको पूर्ण रूप से युद्ध कहा जाता है।
पूर्ण रूप से युद्ध और मिलिट्री ऑपरेशन में क्या है अंतर?
रि. एयर वाइस मार्शल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि, जंग यानी एक देश का दूसरे देश पर अटैक करना जिसमें पूरा इलाका खत्म होना, बड़ी जगह पर बम गिराना, फाइटर जेट्स का लगातार इस्तेमाल करना। वहीं, ऑपरेशन में एक स्पेसिफिक टारगेट को खत्म करने पर जोर दिया जाता है। ऑपरेशंस को सोच और समझकर किया जाता है कि किसी भी तरह की हानि ना हो और जंग में ऐसा बिल्कुल भी ऐसा नहीं होता है। जंग में सेना के साथ आम जनता भी मरती है या घायल होती है और वहीं ऑपरेशन में सिर्फ उस व्यक्ति या चीज पर निशाना साधा जाता है, जिससे देश को खतरा होता है। ऑपरेशन अपनी सुरक्षा के लिए होता है और जंग किसी बड़े मकसद के लिए होती है। बता दें, जंग के समय कई तरह के ऑपरेशंस होते हैं लेकिन ऑपरेशन की वजह से जंग जैसे माहौल बनने की संभावना होती है। बता दें, 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर निशाना साधना पड़ा था, जिसको ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान भी बौखलाया हुआ है।
Created On :   9 May 2025 2:43 PM IST