ISRO: दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट Kalam SAT आज होगा लॉन्च

ISRO: दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट Kalam SAT आज होगा लॉन्च

Manmohan Prajapati
Update: 2019-01-24 03:31 GMT
हाईलाइट
  • 2019 में कुल 32 मिशनों को अंजाम दिया जाएगा
  • चेन्नई के छात्र समूह स्पेस किड्स ने तैयार किया है
  • श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगी लॉन्चिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्पेस की दुनिया में नए कारनामे करने के लिए मशहूर इसरो आज दुनिया के सबसे छोटे सैटेलाइट कलामसैट को लॉन्च करेगा। इसकी लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगी। कलामसैट सैटेलाइट का नामकरण पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर किया गया है। खास बात यह कि इस उपग्रह को भारतीय छात्रों के एक समूह ने तैयार किया है। कलामसैट वी-2 को पीएसएलवी-सी44 मिशन के तहत किया जाएगा। कलामसैट दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट है।

32 मिशन
इसरो प्रमुख ने के अनुसार वर्ष 2019 में कुल 32 मिशनों को अंजाम दिया जाएगा। इनमें 14 सैटेलाइट मिशन, 17 उपग्रह मिशन और एक डेमोमिशन होगा। कलामसैट इतना छोटा है कि इसे "फेम्टो" की श्रेणी में रखा गया है। पीएस-4 लॉन्चिंग पैड का वह हिस्सा है जिसमें चौथे चरण का फ्यूल भरा जाता है। यह सैटेलाइट को उसकी कक्षा में स्थापित होने के बाद अंतरिक्ष में कबाड़ के रूप में रह जाता है। इसमें ऊर्जा स्त्रोत के रूप में एक सौर पैनल लगाकर इसे छह महीने से साल भर तक सक्रिय रखेगा। 

नए संस्करण 
इसरो ने हर सैटेलाइट लॉन्चिंग मिशन में PS-4 प्लेटफॉर्म को छात्रों के बनाए सैटेलाइट के लिए उपयोग करने का फैसला किया है। दुनिया के सबसे छोटे सैटेलाइट कलामसैट को चेन्नई के छात्रों के समूह स्पेस किड्स ने तैयार किया है। यह पीएसएलवी के नए संस्करण पीएसएलवी-डीएल का पहला सैटेलाइट भी होगा। 

पे-लोड
उल्लेखनीय है कि इसरो के वैज्ञानिक छात्रों को पूरा उपग्रह बनाने के बजाय पे-लोड बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इससे इसरो को मदद मिलेगी वहीं छात्रों द्वारा तैयार किए गए पे-लोड को पीएस-4 में फिट करके अंतरिक्ष भेज दिया जाएगा।

  
 
 

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