उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी, सतपाल महाराज समेत 11 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली

उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी, सतपाल महाराज समेत 11 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-04 11:28 GMT
उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी, सतपाल महाराज समेत 11 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली

डिजिटल डेस्क, देहरादून। भाजपा के खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। शनिवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया। पुष्कर सिंह धामी को रविवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें शपथ दिलाई। पुष्कर सिंह धामी राज्य के सबसे कम उम्र के CM हैं। धामी के अलावा 11 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली।

इनमें सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य और यतीश्वरानंद है। कैबिनेट में किसी भी नए चेहरे को नहीं लिया गया है। 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी चार महीने में उत्तराखंड के तीसरे मुख्यमंत्री है। उनके पूर्ववर्ती तीरथ सिंह रावत ने इस साल 10 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

16 सितंबर, 1975 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में जन्मे पुष्कर सिंह धामी उधम सिंह नगर के खटीमा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल रिलेशन्स में पोस्टग्रेजुएट डिग्री और सोशल लाइफ में एलएलबी किया है। पुष्कर सिंह धामी का संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से है और उन्होंने भाजपा की युवा शाखा- भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) की उत्तराखंड शाखा के राज्य अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। पुष्कर सिंह धामी ने 2002 में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के लिए विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में कार्य किया था।

इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि वह राज्य में "संवैधानिक संकट से बचने" के लिए इस्तीफा देने की पेशकश कर रहे हैं। दरअसल, शपथ लेने के समय तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड विधानसभा में निर्वाचित विधायक नहीं थे, बल्कि पौड़ी गढ़वाल का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सांसद थे। वह वर्तमान में लोकसभा सांसद बने हुए हैं। संविधान के अनुसार, एक मंत्री या मुख्यमंत्री को शपथ लेने के छह महीने के भीतर राज्य विधानमंडल के लिए निर्वाचित होना होता है।

तीरथ सिंह रावत के पास उपचुनाव के माध्यम से उत्तराखंड विधानसभा के लिए चुने जाने के लिए 10 सितंबर तक का समय था। हालांकि, मौजूदा कोविड-19 स्थिति और चुनाव आयोग और केंद्र को इस साल की शुरुआत में चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था। ऐसे में उत्तराखंड में उपचुनाव होने की संभावना कम थी।

पुष्कर सिंह धामी, एक मौजूदा विधायक, के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव के साथ, भाजपा को उपचुनाव पर अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि भाजपा विधायक सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य पुष्कर धामी के चुनाव से नहीं है। नाराजगी के चलते तीनों विधायक, विधायक दल की बैठक खत्म होते ही वहां से चले गए थे।

विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने उत्तराखंड में राजनीतिक अस्थिरता को जन्म दिया है और बार-बार मुख्यमंत्रियों को बदलकर अपने लोगों को धोखा दिया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक ट्वीट में कहा, "भाजपा के मुख्यमंत्री चयन का सीन नाटकीय तरीके से समाप्त हुआ। कुछ लोगों के लिए अंगूर हमेशा-हमेशा के लिए खट्टे हो गये हैं। खुशी है एक किसान का बेटा पुष्कर धामी जी राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं, उनको बहुत-2 बधाई। आज शुभकामना देने का दिन है।

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