राजस्थान के भरतपुर में अवैध खनन के विरोध में खुद को आग के हवाले करने वाले संत विजयदास का दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में हुआ निधन

राजस्थान राजस्थान के भरतपुर में अवैध खनन के विरोध में खुद को आग के हवाले करने वाले संत विजयदास का दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में हुआ निधन

ANAND VANI
Update: 2022-07-23 04:29 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। अवैध खनन को लेकर संत आत्मदाह के बाद बैकफुट पर आई राजस्थान की गहलोत सरकार। सरकार ने तब तक कोई एक्शन लिया जब तक कि  संत विजय दास ने अपने आपको  आग के हवाले कर लिया। संत विजयदास की मौत के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संतों की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है। 

संत के आत्मदाह करने से अपने आपको घिरते देख  सीएम अशोक  गहलोत  ने संबंधित  विभागों की तुरंत बैठक बुलाई, और मंत्रियों और उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए।  सीएम के निर्देश के बाद  भरतपुर कलेक्टर आनन फानन में सरकार के आला अधिकारियों के साथ  धरना प्रदर्शन पहुंचे और संतों को समझाइश दी, कलेक्टर ने सभी संतों को सरकार का आदेश पढ़कर सुनाया, तब जाकर संतों ने धरना स्थल को छोड़ा।  तब  जाकर  साढ़े पांच सौ दिनों से चल रहे धरने को समाप्त हुआ ।  गहलोत सरकार के खनन मंत्री ने खानों को शिफ्ट करने की बात कही है।    

मौके पर मौजूद ने जैसे तैसे संत को नजदीक के आरबीएम अस्पताल  में भर्ती करवाया, लेकिन हालात गंभीर होने के कारण उन्हें पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल, फिर दिल्ली के  सफदरजंग अस्पताल में रैफर कर दिया गया। तब से संत विजयदास दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां कल उनका निधन हो गया। 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन संत के आत्मदाह के बाद खत्म हुआ।

भरतपुर SDM संजय गोयल ने बताया कि साधु संत समाज का खनन के संबंध में आंदोलन भरतपुर ज़िले में चल रहा था। इसी संबंध में साधु विजय दास ने आत्मदाह कर लिया था। पहले ये RBM भरतपुर में भर्ती थे, फिर जयपुर रेफर किया गया फिर बेहतर इलाज के लिए इन्हें सफदरजंग दिल्ली लाया गया था

मिली जानकारी के मुताबिक भरतपुर के पसोपा गांव में अवैध उत्खनन के खिलाफ धरना प्रदर्शन के दौरान खुद को आग के हवाले करने वाले पर्यावरणविद व संत विजय दास ने शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया। प्रशासन ने उनके पार्थिव शरीर को परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। भरतपुर SDM संजय गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि परसो से इलाज दिल्ली में चल रहा था। आज रात 2:30 बजे के करीब इनका निधन हो गया। पोस्टमार्टम के बाद शव को बरसाने में इनके धाम में ले जाया जाएगा 

 

दरअसल भरतपुर के डीग इलाके के आदिबद्री धाम और कनकाचल में हो रहे अवैध खनन को लेकर संत विजय दास के साथ गांववासी 551  दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन 20 जुलाई को इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों  साधु संत जुटे। विरोध करने के दौरान 65 वर्षीय  संत विजयदास ने आत्मदाह कर लिया। जिसमें उनका शरीर  80 फीसदी से अधिक जल गया।

 

मिली जानकारी के मुताबिक सांधु संतों का  एक प्रतिनिधिमंडल अप्रैल 2021 में सीएम अशोक गहलोत से मिला था,  प्रतिनिधिमंडल ने 11 सितंबर 2021 को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की। गांधी ने प्रतिनिधिमंडल से सरकार की ओर से  आवश्यक कदम उठाने की बात कही थी। खबरों के मुताबिक संतों ने सैकडों विधायकों और मंत्रियों को 350 से अधिक ज्ञापन सौंपे लेकिन गहलोत सरकार ने ज्ञापनों और संतों की सुनवाई को अनुसुनी करते हुए कोई एक्शन नहीं लिया था।  

 

 

 

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