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Bihar Elections 2025: महाठबंधन का चुनावी मैनिफ्टो जारी, SC-ST जैसा अति पिछड़ा वर्ग क लिए अत्याचार कानून

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा के चुनाव इसी साल नवंबर में हो सकते हैं। इसलिए राजनीतिक दल लोगों के बीच में दमखम से उतरे हैं। इसी कड़ी में महागठबंधन ने अति पिछड़ा वर्ग के लिए चुनावी मैनिफेस्टो जारी किया। जिसे महागठबंधन का पहला घोषणा पत्र बताया जा रहा है। इसका एलान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को राजधानी पटना में किया। इसे अति पिछड़ा न्याय संकल्प का नाम दिया गया है, जिसमें बताया गया कि पंचायत और निकाय में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा एससी-एसटी के नियमों की तरह अति पिछड़ा वर्ग के लिए अत्याचार निवारण कानू बनाया जाएगा।
इस घोषणा पत्र को जारी करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "वोटर अधिकार यात्रा बहुत सफल रही। हमने लोगों को बताया कि कैसे संविधान खतरे में है और लेागों के अधिकार चुराए जा रहे हैं। अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो वह आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को खत्म कर देगा। इंडिया गठबंधन अति पिछड़ा वर्गों के लिए निजी संस्थानों और 25 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी ठेकों (निविदाओं) में आरक्षण सुनिश्चित करेगा।"
महागठबंधन के चुनावी वादे
- बिहार के एससी/एसटी वर्ग की तरह ईबीसी समाज के लिए भी 'अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम' बनेगा।
- अतिपिछड़ा समुदाय के लिए पंचायत स्तर और नगर स्तर के चुनाव में 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। अभी वहां पर 20 प्रतिशत आरक्षण है।
- आबादी के अनुपात में आरक्षण को 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए विधान मंडल पारित कानून को पारित किया जाएगा और इस संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा।
- नियुक्ति की चयन प्रक्रिया में 'कोई योग्य नहीं मिला' यानी Not Found Suitable (NFS) को अवैध करार दिया जाएगा।
- अति पिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (under or over-inclusion) से जुड़े मामलों के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके तहत ही उनका निवारण होगा।
- आवासीय भूमिहीन लोगों को शहर में 3 डेसिमल और ग्रामीण इलाकों में 5 डेसिमल जमीन दी जाएगी। इसमें अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति और पिछड़ा वर्ग को शामिल किया है।
- यूपीए सरकार के बनाए गए शिक्षा अधिकार अधिनियम 2010 के तहत प्राइवेट स्कूलों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अति पिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों को दिया जाएगा।
- 25 करोड़ रुपए तक के शासकीय ठेकों और आपूर्ति कार्यों में ईबीसी, ओबीसी, एससी, एसटी के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रवधान देने का काम किया जाएगा।
- राज्य के सभी प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के नामांकन के लिए आरक्षण लागू किया जाएगा।
- आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण प्राधिकरण को बनाया जाएगा। वहीं, जातियों की आरक्षण सूची किसी बदलाव के लिए केवल निधानमंडल के द्वारा ही होगा।
Created On :   24 Sept 2025 8:50 PM IST