हेमा का जन्म चेन्नई में हुआ था। हेमा की शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई। छोटी उम्र में ही हेमा को लगातार फ़िल्मों के ऑफर मिलने लगे थे। हेमा ने अपने करियर की शुरुआत महज 14 साल की उम्र में कर दी थी।
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B'day: हेमा ऐसे रखती हैं 'ड्रीमगर्ल' इमेज का ख्याल, धर्मेन्द्र के लिए तोड़े थे कई दिल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। 'ड्रीमगर्ल' बॉलीवुड का वो नाम है। जो किसी शायर की गजल भी है और झील का कंवल भी है, लेकिन ये कहीं भी नहीं मिलेगी और कभी भी नहीं मिलेगी, ना आज ना कल, क्योंकि ये ड्रीम गर्ल तो सालों पहले धर्मेंद्र जी की हो चुकी हैं। अब तो आप समझ ही गए होंगे हम किसके बारे में बात कर रहे हैं। जी हां दोस्तों, हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल कही जाने वाली हेमा मालिनी की। 16 अक्टूबर 1948 को जन्मीं हेमा मालिनी 71 साल की हो गई हैं। 71 साल की उम्र में हेमा की खूबसूरती ज्यों की त्यों बरकरार है। बॉलीवुड को पहली ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी के रूप में मिली। हेमा मालिनी को ये खिताब उन्हें केवल उनकी फिल्म के लिए नहीं दिया गया था, बल्कि उनकी खूबसूरती और लोकप्रियता के कारण ही उन्हें ड्रीम गर्ल कहा जाने लगा था। 70 के दशक में हेमा मालिनी की खूबसूरती और अदाकारी ने ऐसा डंका बजाया कि आम से खास सब उनके दीवाने हो गए। उस वक्त हिंदी सिनेमा के हीरोज ने उनसे शादी करने के लिए कई जतन किए, लेकिन हेमा का दिल सिर्फ धर्मेंद्र पर आया।


बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस और नृत्यांगना हेमा मालिनी ने लगभग चार दशक के कैरियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। लेकिन करियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था, जब एक तमिल निर्माता-निर्देशक ने यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने साल 1973 में हेमा मालिनी के साथ फिल्म 'गहरी चाल' बनाई। साल 1968 में हेमा मालिनी को राजकपूर के साथ 'सपनों का सौदागर' में काम करने का मौका मिला। उस वक्त 20 साल की हेमा, राजकपूर से उम्र में 24 साल छोटी थीं। इसी फिल्म के प्रमोशन के लिए हेमा मालिनी को 'ड्रीम गर्ल' के रूप में पेश किया गया। बदकिस्मती से फिल्म पिट गई, लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने खूब पसंद किया।

हेमा मालिनी को पहली सफलता साल 1970 में आई फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' से हासिल हुई। फिल्म में हेमा और देवानंद की जोड़ी को दर्शकों ने सिर आंखों पर लिया और फिल्म सुपरहिट रही। साल 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की ही फिल्म 'सीता और गीता' में काम करने का मौका मिला जो उनके सिने करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचीं। उन्हें इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया। फिल्म में दिलचस्प बात यह रही कि पर्दे पर हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया। साल 1975 में आई फिल्म 'शोले' में धमेंद्र ने वीर और हेमा मालिनी ने बसंती की भूमिका में दर्शकों का भरपूर मनोंरजन किया।

सत्तर के दशक में हेमा मालिनी पर आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती है लेकिन उन्होंने खुशबू (1975) किनारा (1977) और मीरा (1979) जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों का मुंह हमेशा के लिए बंद कर दिया। इस दौरान हेमा मालिनी के सौंदर्य और अभिनय का जलवा छाया हुआ था। इसी को देखते हुए निर्माता प्रमोद चक्रवर्ती ने उन्हें लेकर फिल्म 'ड्रीम गर्ल' बनाई।

साल 1974 के दौरान हेमा मालिनी से बॉलीवुड के तीन अभिनेता संजीव कुमार, जितेन्द्र और धर्मेंद्र प्यार करते थे, लेकिन हेमा धर्मेंद्र को चाहती थीं। धर्मेंद्र के शादीशुदा होने के चलते हेमा के घरवाले नहीं चाहते थे कि हेमा उनसे शादी करें। इस वजह से हेमा मालिनी परेशान रहती थीं। धर्मेंद्र और हेमा की लव स्टोरी किसी फिल्म की कहानी की तरह ही है। धर्मेंद्र से उनकी मुलाकात, प्यार और शादी तक का सफर उनकी बॉयोग्रफी 'बियोंड द ड्रीम गर्ल' में मिलता है, जो उनके 69वें जन्मदिन पर लॉन्च हुई थी। हेमा और धर्मेंद्र पहली बार रमेश सिप्पी की फिल्म शोले के सेट पर मिले। धर्मेंद्र पहली ही मुलाकात में हेमा को दिल बैठे और हेमा को भी पंजाबी नौजवान से प्यार हो गया। हेमा मालिनी और धर्मेंद्र के प्यार की खबरें जब उड़ी तो हेमा के घर वाले परेशान हो गए। उन्होंने हेमा पर बंदिशें लगानी शुरू कर दीं, लेकिन धर्मेंद्र ने भी हार नहीं माना और हेमा से फिल्म की शूटिंग के बहाने मुलाकाते जारी रखीं।
कहते हैं कि हेमा के करीब रहने के लिए धर्मेंद्र कैमरामैन और स्पॉट बॉयज को पैसे दिया करते थे। हेमा के साथ रोमांटिक सीन के रीटेक बार-बार हों इसके लिए वो कैमरामैन से कह देते कि उसे उस शॉट को एक बार में ओके नहीं करना।
कभी कैमरामैन लाइट कम होने की बात करता तो कभी कोई और वजह बता देता। धर्मेंद्र ने इसका भी एक कोड वर्ड इजाद कर लिया था। जब सीन को रीटेक कराना होता तो वो हौले से अपना कान छू लेते। इसी तरह जब उन्हें सीन को ओके करना होता वो अपनी नाक को सहलाते। इस तरह से वह हेमा को सबके सामने छू लेते। बताते हैं कि धर्मेंद्र को एक सीन को दोबारा रीटेक करवाने के लिए कैमरामैन को 100 रुपये की रिश्वत प्रति सीन के हिसाब देनी होती। यानी कि यदि सीन पांच बार शूट हुआ है तो धर्मेँद्र कैमरामैन को 500 रुपये चुकाते। धर्मेंद्र यह सब खुशी-खुशी कर रहे थे।

बताया जाता है हेमा मालिनी से धर्मेंद्र के अलावा जितेंद्र और संजीव कुमार भी शादी करना चाहते थे। कहा जाता है कि हेमा संजीव से तो शादी के लिए इंकार कर चुकी थीं लेकिन उन्हें जितेंद्र से प्यार हो गया था। इसके बाद दोनों जब फिल्म 'दुल्हन' की शूटिंग कर रहे थे, उसी दौरान दोनों ने अपने प्यार का इजहार किया। दोनों के परिवार भी उनकी शादी के लिए राजी हो गए थे। हालांकि जितेंद्र हेमा से शादी करना चाहते थे, लेकिन उस समय वो शोभा को भी डेट कर रहे थे जो उनके बचपन की दोस्त थीं। ये पता लगते ही धर्मेंद्र, शोभा को लेकर मद्रास पहुंच गए और कहा जाता है वहां शोभा ने हंगामा मचा दिया जिससे जितेंद्र और हेमा की शादी नहीं हो पाई।

बॉलीवुड 'ड्रीम गर्ल' हेमा मालिनी ने 1980 में एक्टर धर्मेंद्र से शादी की थी। ये धमेंद्र की दूसरी शादी थी, इसलिए दोनों को धर्म बदलकर शादी करनी पड़ी। धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि अपनी पहली पत्नी प्रकाश कौर को तलाक दें। धर्मेंद्र ने प्रकाश कौर से 1954 में ही शादी कर ली थी, मजेदार तो ये है कि उस वक्त हेमा केवल छह साल की थीं। धर्मेंद्र और प्रकाश कौर के चार बच्चे अजय सिंह (सनी), विजय सिंह (बॉबी), विजेता और अजीता देओल हैं। धर्मेंद्र की दूसरी शादी के बाद मीडिया ने जब प्रकाश कौर से बात की तो उन्होंने अपने पति का बचाव किया और कहा कि वो भले ही एक अच्छे पति ना हों, लेकिन एक अच्छे पिता जरूर हैं। हेमा और धर्मेंद्र की दो बेटियां ईशा देओल और आहना देओल हैं।

साल 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर भी रूख किया और धारावाहिक नुपूर का निर्देशन भी किया। 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए 'मोहिनी' का निर्माण और निर्देशन किया।

फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद हेमा मालिनी ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया। हेमा मालिनी की राजनीतिक पारी साल 1999 में शुरू हुई जब उन्होंने पहली बार भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करना शुरू किया। 2004 में हेमा सक्रिय राजनीति में आईं। फिलहाल वे मथुरा से लोकसभा सांसद हैं।

हेमा मालिनी को हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए 1999 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम एचीश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया। हेमा को हिन्दी फिल्म और कला जगत में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार ने सन 2000 पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
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