इमली, द आर्चर: आदिवासी बेटी का तीरंदाजी सफ़र, 12 सितम्बर से सिनेमाघरों में

आदिवासी बेटी का तीरंदाजी सफ़र, 12 सितम्बर से सिनेमाघरों में
कहानी में एक सरकारी खेल अधिकारी, यात्रा के दौरान, इमली का कमाल देखती हैं और उसके परिवार को समझाती हैं कि बेटी को खेल अकादमी भेजना चाहिए। वहां इमली को मिलते हैं निस्वार्थ भाव से मेहनत कराने वाले कोच मिस्टर अय्यर (विक्रम कोचर)। उनकी मेहनत और इमली की दृढ़ इच्छाशक्ति मिलकर एक ऐसा सफ़र रचते हैं, जो उसे राष्ट्रीय तीरंदाजी चैम्पियन के मुकाम तक पहुँचा देता है।

New Delhi [India], August 18: फ़िल्मकार स्वतंत्र (सावी) गोयल की नई पेशकश “इमली, द आर्चर” 12 सितम्बर को पूरे देश के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है। यह फ़िल्म एक आदिवासी लड़की इमली (प्रसन्ना बिष्ट) की सच्ची जज़्बे और संघर्ष की कहानी है, जिसके भीतर तीरंदाजी की ऐसी अदभुत प्रतिभा है, जो उसने कभी औपचारिक प्रशिक्षण लिए बिना ही अर्जित की।

कहानी में एक सरकारी खेल अधिकारी, यात्रा के दौरान, इमली का कमाल देखती हैं और उसके परिवार को समझाती हैं कि बेटी को खेल अकादमी भेजना चाहिए। वहां इमली को मिलते हैं निस्वार्थ भाव से मेहनत कराने वाले कोच मिस्टर अय्यर (विक्रम कोचर)। उनकी मेहनत और इमली की दृढ़ इच्छाशक्ति मिलकर एक ऐसा सफ़र रचते हैं, जो उसे राष्ट्रीय तीरंदाजी चैम्पियन के मुकाम तक पहुँचा देता है।

निर्देशक स्वतंत्र गोयल ने इस फ़िल्म को न सिर्फ़ संवेदनशीलता से गढ़ा है, बल्कि इसमें वह जज़्बा भी डाला है जो हर युवा और हर ग्रामीण-आदिवासी परिवार को प्रेरित कर सके। संदेश साफ़ है—हर बेटी के भीतर छिपी प्रतिभा को पहचानना ज़रूरी है और सरकार की योजनाओं जैसे ‘खेलो इंडिया’ से उसका लाभ उठाना चाहिए।

ग़ौरतलब है कि स्वतंत्र गोयल, जो कभी स्टेट बैंक के वरिष्ठ अधिकारी थे और बाद में अमेरिका में बस गए थे, 2016 में फिर भारत लौटे। उनका मानना है कि सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि देशभक्ति और प्रेरणा जगाने का सबसे सशक्त माध्यम भी है। बीते आठ वर्षों में वे आठ फ़िल्में बना चुके हैं और उनका सपना है कि हर साल दर्शकों तक एक नई प्रेरणादायक फ़िल्म पहुंचे।

फ़िल्म में तीन भावपूर्ण गाने हैं, दमदार अभिनय है और दिल को छू लेने वाला संगीत भी। प्रसन्ना बिष्ट और विक्रम कोचर के साथ हर्षद शिंदे, मान सिंह मीना, रतन लाल, ज्योति और प्रज्ञा मिश्रा ने भी प्रभावशाली भूमिकाएँ निभाई हैं। संगीतकार दुष्यंत दुबे और डीओपी राजा फड़तरे ने तकनीकी स्तर पर फ़िल्म को एक नई ऊँचाई देने की कोशिश की है।

निर्देशक गोयल का कहना है कि उन्हें इस फ़िल्म से बेहद उम्मीदें हैं—वे चाहते हैं कि “इमली, द आर्चर” सिर्फ़ एक कहानी नहीं बल्कि हर दर्शक के दिल में सपनों को सच करने की चिंगारी जगाने वाली फिल्म है.

Created On :   18 Aug 2025 1:33 PM IST

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