Controll Review: जान पर भारी पड़ सकती है एक गलती, साइबर फ्रॉड के खिलाफ चेतावनी देती है 'कंट्रोल'

फ़िल्म: कंट्रोल
रेटिंग: 4 स्टार्स
कलाकार: ठाकुर अनूप सिंह, रोहित रॉय और प्रिया आनंद
निर्देशक: सफदर अब्बास
कहां देखें: सिनेमाघरों में
अवधि: 1 घंटा 56 मिनट
आज के दौर में जब हमारी ज़िंदगी का हर पहलू किसी न किसी स्क्रीन से जुड़ा है, तब ‘कंट्रोल’ जैसी फिल्में न केवल जरूरी हैं, बल्कि चेतावनी की तरह काम करती हैं। निर्देशक सफदर अब्बास ने इस फिल्म के जरिए साइबर क्राइम जैसे गंभीर मुद्दे को एक इमोशनल थ्रिलर के तौर पर पेश किया है — और इसमें वे काफी हद तक सफल भी रहे हैं।
कहानी है अभिमन्यु (ठाकुर अनूप सिंह) की, जो सेना में है। एक दिन उसे अपने ही परिवार में हुई एक बड़ी त्रासदी से झटका लगता है — उसका बहनोई एक साइबर फ्रॉड का शिकार होकर आत्महत्या कर लेता है। यह घटना अभिमन्यु को भीतर तक झकझोर देती है और वह तय करता है कि इस सच्चाई को सामने लाकर रहेगा।
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसकी प्रासंगिकता। साइबर फ्रॉड आज हर किसी के दरवाज़े तक पहुंच चुका है — चाहे वो किसी गांव में हो या मेट्रो सिटी में। फिल्म बताती है कि टेक्नोलॉजी जितनी सहूलियत देती है, उतना ही बड़ा खतरा भी बन सकती है अगर हम जागरूक न हों।
ठाकुर अनूप सिंह ने बेहद संतुलित अभिनय किया है। वो नाटकीय नहीं, बल्कि असली लगते हैं — और यही इस किरदार की जान है। रोहित रॉय एक सधे हुए विलेन के रूप में प्रभावशाली हैं। उनका किरदार सिर्फ बुरा नहीं, बल्कि रणनीतिक है। प्रिया आनंद और बाकी कलाकारों — जैसे राजेश शर्मा, डेंजिल स्मिथ, करण सिंह छाबड़ा — ने भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है।
तकनीकी रूप से फिल्म में एडिटिंग टाइट है और सिनेमैटोग्राफी कई जगह बहुत उम्दा लगती है। बैकग्राउंड स्कोर हल्का जरूर है, लेकिन कहानी की पकड़ इतनी मजबूत है कि वो बड़ी कमी नहीं लगती।
कंट्रोल सिर्फ एक बदले की कहानी नहीं, बल्कि आज की डिजिटल जंग का आईना है। यह फिल्म डराती नहीं, जागरूक करती है — और इसी वजह से यह अपनी जगह बनाने में कामयाब होती है।
Created On :   10 Oct 2025 10:39 AM IST