अभिनेता बनना चाहते थे जयकिशन, संघर्ष के दिनों में फैक्ट्री में की थी छोटी सी नौकरी

Bollywood famous Music Composer jaikishan death anniversary
अभिनेता बनना चाहते थे जयकिशन, संघर्ष के दिनों में फैक्ट्री में की थी छोटी सी नौकरी
मशहूर संगीतकार की पुण्यतिथि अभिनेता बनना चाहते थे जयकिशन, संघर्ष के दिनों में फैक्ट्री में की थी छोटी सी नौकरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय सिनेमा जगत में संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन ने अपने संगीतबद्ध गीतों के जरिये श्रोताओं के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी लेकिन इस जोड़ी के जयकिशन अपने करियर के शुरूआत दौर में संगीतकार नहीं बल्कि अभिनेता बनना चाहते थे। जयकिशन का पूरा नाम जयकिशन दयाभाई पांचाल था। उनका जन्म 04 नवम्बर 1929 को गुजरात के वंसाडा में हुआ था। खूबसूरत शख्सियत के मालिक जयकिशन हालांकि हारमोनियम बजाने में निपुण थे और उन्होंने संगीत विशारद वाडीलालजी, प्रेम शंकर नायक और विनायक तांबे से शास्त्रीय संगीत की तालीम ली थी, लेकिन वह अभिनेता बनने की तमन्ना रखते थे। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए जयकिशन ने बम्बई का रुख किया और संघर्ष के दिनों में मध्य बम्बई की एक फैक्ट्री में टाइमकीपर की नौकरी करने लगे। उसी दौरान सांताक्रूज में एक प्रसिद्ध निर्माता से मिलने के लिए उसके दफ्तर के बाहर इंतजार करते समय उनकी मुलाकात शंकर से हुई, जो उस समय राजकपूर के पिता प्रसिद्ध अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर में तबला बजाने का काम करते थे और मौका मिलने पर कुछ छोटी-मोटी भूमिकाएं भी कर लेते थे।

Jaikishan Dayabhai Panchal - IMDb

शंकर ने जयकिशन को भी पृथ्वी थिएटर्स में काम करने का सुझाव दिया और उन्हें वहां हारमोनियम वादक की नौकरी दिला दी। राजकपूर ने 1948 में जब अपनी पहली फिल्म आग का निर्माण शुरु किया तो, दोनों ही फिल्म के संगीतकार राम गांगुली के सहायक बन गए और उनकी संगीत रचना में सहायता की। उस समय राजकपूर और संगीतकार राम गांगुली के बीच कुछ गंभीर मतभेद हो गए। राजकपूर को अपनी अगली फिल्म बरसात के लिए नए संगीतकार की तलाश थी। राजकपूर ने संगीतकार के रूप में शंकर-जयकिशन को मौका देने का फैसला कर लिया। फिल्म बरसात मे शंकर-जयकिशन की जोड़ी ने जिया बेकरार है और बरसात में हमसे मिले तुम सजन जैसे गीतों के लिये सुपरहिट संगीत दिया। बरसात पहली फिल्म थी, जिसके लिए पहली बार .टाइटल गीत बरसात में तुमसे मिले हमसे मिले हम सजन हमसे मिले तुम और एक कैबरे गीत पतली कमर है तिरछी नजर है, लिखा गया। इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी के साथ ही शंकर-जयकिशन की गीतकार शैलेन्द्र और हसरत जयपुरी तथा गायक मुकेश और गायिका लता मंगेशकर के साथ फिल्म इतिहास की एक सर्वाधिक सफल टीम बन गई। 

( वार्ता )


 

Created On :   11 Sep 2021 11:23 AM GMT

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