वैसे तो बापू भारतीय हैं, लेकिन बेन किंग्सले ऐसे अंग्रेजी एक्टर हैं, जिन्होंने बापू का किरदार निभाकर वाह वाही लूटी थी। फिल्म 1982 में आई फिल्म 'गांधी' में मोहनदास करमचंद गांधी का किरदार निभाने के लिए बेन किंग्सले को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर भी मिल चुका है। उनके बापू के किरदार को आज भी याद किया जाता है।
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जब इन एक्टर्स ने पर्दे पर निभाया 'महात्मा गांधी' का किरदार, क्रिटिक्स सहित सभी ने की सराहना

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। फिल्म इंडस्ट्री द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर कई फिल्में बनाई गईं, जिनके माध्यम से उनके विचारों को फैलाने की कोशिश की गई। महात्मा गांधी दिखने में जितने शांत और सरल थे, उनके किरदार को पर्दे पर उतारना उतना ही मुश्किल था। बॉलीवुड के इन एक्ट्रर्स ने गांधी के किरदार में ढलने के लिए बहुत मेहनत की और इतनी शिद्दत से उनका किरदार निभाया, जिसे देखकर ऐसा लगा कि असल में यह बापू ही हैं। गांधी जी का नाम याद आते ही इन एक्टर्स की तस्वीर जहन में आने लगती है। आज 'गांधी जयंती' के दिन जानते हैं उन एक्टर्स के बारे में।


जासूस ब्योमकेश बक्शी के तौर पर मशहूर रजित कपूर को फिल्म 'द मेकिंग ऑफ महात्मा' में लीड किरदार निभाने पर भी खूब सराहना मिली थी। साल 1996 में आई इस फिल्म को श्याम बेनेगल ने डायरेक्ट किया था।

गांधी और उनके बेटे हरिलाल पर आधारित फिल्म 'गांधी: माई फादर', जिसे फिरोज अब्बास खान ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म में दर्शन जरीवाला ने गांधी का किरदार निभाया था। जाहिर है पिता-बेटे के द्वंद्व को एक चर्चित शख्सियत की वेश-भूषा और उसके दायरे में रहते हुए निभाने के लिए जरीवाला के लिए ये फिल्म चुनौतीपूर्ण रही। इस फिल्म में दर्शन की बहुत तारीफ की गई। फिल्म क्रिटिक्स ने भी उनकी सराहना की।

इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है दिलीप प्रभावलकर का। उन्होंने संजय दत्त की फिल्म 'लगे रहो मुन्नाभाई' में गांधी का किरदार निभाया था। फिल्म् में गांधी गिरी को कॉन्सेप्ट को दिखाया गया हैं। संजय दत्त और अरशद वारसी के अलावा इस फिल्म को हिट करवाने का श्रेय मराठी एक्टर दिलीप को भी जाता है। उन्होंने जितने प्यार और सरल अंदाज में बापू बनकर उनकी शिक्षा को समझाया, वह वाकई काबिले तारीफ है।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।