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योजना: बार्टी-सारथी के तर्ज पर मुस्लिमों के लिए बना एमआरटीआई, छत्रपति संभाजीनगर में होगा मुख्यालय
- अल्पसंख्यकों को अनुसंधान व प्रशिक्षण के लिए मिल सकेगी सुविधाएं
- छत्रपति संभाजीनगर में होगा संस्था का मुख्यालय
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने मुस्लिमों समेत दूसरे अल्पसंख्यक समाज के लिए अल्पसंख्यक अनुसंसाधन व प्रशिक्षण संस्था (एमआरटीआई) स्थापित करने को मंजूरी दी है। राज्य में मुस्लिम, जैन, बौद्ध, क्रिश्चियन,ज्यू, सिख और पारसी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है। एमआरटीआई संस्था का कार्यालय छत्रपति संभाजी नगर में होगा। राज्य के अल्पसंख्य विकास विभाग की प्रधान सचिव डॉ रिचा बागला ने एमआरटीआई स्थापित करने के बारे में शासनादेश जारी किया है। एमआरटीआई राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास से संबंधित समस्याओं का अध्ययन करके सरकार को सुझाव और आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण देगी।
सरकार ने राज्य की बार्टी, सारथी और महाज्योति संस्था के तर्ज पर एमआरटीआई संस्था स्थापित करने को मंजूरी दी है। सरकार ने अल्पसंख्यक समाज के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक व संस्कृतिक उन्नति के लिए एमआरटीआई संस्था बनाने का फैसला किया है। एमआरटीआई के लिए 11 पदों के सृजन को मान्यता दी है। एमआरटीआई के स्थापना के लिए फिलहाल निदेशक पद के अलावा बाकी के 10 पदों के लिए उच्चस्तरीय सचिव समिति से मंजूरी लेना होगा। जबकि निदेशक पद के लिए कार्योत्तर मंजूरी ली जाएगी। एमआरटीआई के मंजूर पदों के वेतन, कार्यालयीन खर्च और अल्पसंख्यकों के पिछड़ेपन का अध्ययन व प्रशिक्षण के लिए 6 करोड़ 25 लाख रुपए के खर्च को स्वीकृति दी गई है।
Created On :   22 Aug 2024 9:41 PM IST