Beed News: सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड मामले की तीन घंटे तक चली सुनवाई, वकीलों ने रखी दलीलें

सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड मामले की तीन घंटे तक चली सुनवाई, वकीलों ने रखी दलीलें
  • वाल्मीक कराड के वकीलों ने ढाई घंटे तक रखी दलीलें
  • सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड मामले की तीन घंटे तक चली
  • विष्णु चाटे को बरी करने की अर्जी

Beed News. मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में 18 अगस्त (सोमवार) को मकोका कोर्ट में करीब तीन घंटे तक सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी वाल्मीक कराड के वकीलों ने लगभग ढाई घंटे तक जोरदार बहस की। बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और अब मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी। विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कराड की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया। इतना ही नहीं, उन्होंने मामले के अन्य आरोपियों को बरी करने की मांग का भी सख़्त विरोध किया। निकम ने अदालत से कहा, “यह गंभीर मामला है और आरोपियों को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जानी चाहिए।” अब सबकी निगाहें 30 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब इस मामले की दिशा तय हो सकती है।

आज की सुनवाई में क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने आरोपी वाल्मीक कराड की जमानत याचिका का विरोध किया। साथ ही, दूसरे आरोपी विष्णु चाटे की बरी करने की अर्जी पर भी उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई। कराड के वकील ने करीब 1 घंटा 45 मिनट तक अपनी दलीलें पेश कीं। उनका कहना था कि गिरफ्तारी के समय कराड को गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया। इस पर निकम ने सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) अदालत के समक्ष पेश किया और कराड के दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि “सीडीआर के अनुसार उस दिन कराड ने फ़ोन किया था और इससे जुड़े भौतिक साक्ष्य उचित समय पर अदालत में प्रस्तुत किए जाएंगे।” निकम ने यह भी स्पष्ट किया कि अवादा कंपनी के कर्मचारी सुनील शिंदे द्वारा रिकॉर्ड की गई कॉल की तारीख़ गलत बताने का दावा भी आधारहीन है।

विष्णु चाटे को बरी करने की अर्जी

विष्णु चाटे के वकीलों ने अदालत में दावा किया कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता। इस पर निकम ने अदालत को उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि बताई और कहा, “विष्णु चाटे जबरन वसूली के मामलों में वाल्मीक कराड का दाहिना हाथ था और उसने कराड का हर तरह से सहयोग किया।” निकम ने यह भी स्पष्ट किया कि “मकोका अधिनियम के प्रावधान अपराध पर लागू होते हैं, न कि केवल आरोपी पर।” इसलिए चाटे की बरी करने की अर्जी खारिज करने की मांग की गई। दोनों मामलों की अगली सुनवाई अब 30 अगस्त को होगी।

Created On :   18 Aug 2025 6:15 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story