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Bhandara News: अधिकारियों को जान से मारने की धमकी दे रहे नेता

- विधायक भोंडेकर के आरोप से मचा हड़ंकप
- विशेष निधि के कामों को जानबूझकर रोकने के लिए राजनीति करने का आरोप
Bhandara News स्थानीय विकास निधि और राज्य सरकार की विशेष योजना से मिलने वाले 20 करोड़ रुपये की निधि से काम करते समय बाधा डाली जा रही है। ज़िलाधिकारी, मुख्याधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों को धमकाया जाता रहा है। उन्हें जान से मारने तथा निलंबित करने की धमकी दी जाती है, ऐसा गंभीर आरोप विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने विधायक परिणय फुके द्वारा लगाए गए 20 से 30 प्रतिशत कमीशन खोरी के आरोपों के जवाब में जारी पर्चे में लगाया है। जिससे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा है।
भोंडेकर ने इस तरह के पर्चे घर-घर में पहुंचाए हैं। स्थानीय निकाय चुनाव नज़दीक है। लेकिन नगर परिषद के चुनाव के पहले ही दोनों नेताओं के आमने-सामने आने से महायुति के भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) की अंदरूनी लड़ाई अब खुलकर सामने आयी हंै। गौरतलब है कि, भाजपा विधान परिषद सदस्य परिणय फुके ने आरोप लगाया था कि, भंडारा नगर परिषद में कोई भी काम 20 से 30 प्रतिशत का कमिशन दिए बगैर नहीं होता है। इसके बाद निविदा प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी। भंडारा के शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने अप्रत्यक्ष रूप से फुके पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि, निविदा प्रक्रिया वैध थी। विकास कार्यों में जान-बूझकर बाधा डाली जा रही है।
भंडारा नगर परिषद के मुख्याधिकारी करणकुमार चव्हाण पर जिला वार्षिक योजना के बजट में प्रावधानित कार्यों के लिए जिलाधिकारी की मंजूरी बगैर निविदा प्रक्रिया शुरू करने का भी आरोप लगाया था। आपत्तियां मिलने के बाद यह प्रक्रिया रद्द कर दी गई। पवनी नगर परिषद में भी ऐसी ही हुआ। जिलाधिकारी सावन कुमार ने भंडारा नगर परिषद के मुख्यधिकारी चव्हाण और पवनी नगर परिषद के मुख्याधिकारी नीलेश इंगोले को कारण बताओ नोटिस जारी किया। यह दोनों नगर परिषद भंडारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। इन घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में भोंडेकर ने एक पर्चा जारी किया। जिसके अनुसार "भंडारा शहर की समस्याओं के संबंध में 22 अक्टूबर को पालकमंत्री पंकज भोयर के साथ भोंडेकर की चर्चा हुई। इसके बाद शहर के सड़कों की मरम्मत के लिए उनके अधिकार की 70 प्रतिशत निधि का प्रस्ताव जिलाधिकारी को सौंपा गया। इसमें मुख्य रूप से भंडारा नगर परिषद क्षेत्र में 160 और पवनी में 84 कार्य शामिल थे। भोंडेकर के अनुसार, मुख्याधिकारी और प्रशासक को नियम और शर्तों के आधार पर ऐसे कार्यों के लिए निविदा जारी करने का अधिकार है। नागपुर, गोंदिया, चंद्रपुर में इसी तरह से निविदाएं जारी की गई हैं। निविदाएं जारी करने का मतलब निधि वितरित करना नहीं है।
Created On :   2 Nov 2025 3:47 PM IST















