Bhandara News: नवेगांव-नागझिरा अभयारण्य के समीप मार्ग पार करते हुए नजर आया काला तेंदुआ

नवेगांव-नागझिरा अभयारण्य के समीप मार्ग पार करते हुए नजर आया काला तेंदुआ
  • मामला नवेगांव-नागझिरा अभयारण्य का विलुप्त प्रजाति के जीव काला तेंदुआ
  • नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में वन्यजीवों की संख्या बढ़ती जा रही

Bhandara News नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में वन्यजीवों की संख्या बढ़ती जा रही है। दो दिन पहले वन्यजीव फोटोग्राफर श्रवण फाये ने काले तेंदुए को अपने कैमरे में कैद किया। नजरz दिखने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है।

वन्यजीव कैमरामैन फाये के अनुसार, मौके पर काले तेंदुए का जोड़ा था लेकिन वह केवल एक का ही वीडियो बना पाए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पर्यटकों को जंगल सफारी दौरान बाघ देखने की इच्छा रहती है। नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में अनेक वन्यजीव देखने को मिलते हैं। दो दिन अभयारण्य में काला तेंदुआ दिखायी दिया। कुछ वर्षों पहले भी इसी क्षेत्र में काला तेंदुआ देखा गया था। काले तेंदुए की फोटो सामने आयी थी। अब फिर से वन्यजीव फोटोग्राफर श्रवण फाये ने तेंदुए को मार्ग पार करते हुए अपने कैमरे में कैद किया।

श्रवण के अनुसार मौके पर दो काले तेंदुए थे। लेकिन वह एक को ही कैमेरे कैद कर पाए। भंडारा जिले लेंडेझरी वन परिक्षेत्र को लगकर नागपुर एवं भंडारा सीमा के मोगरकसा के आरक्षित जंगलों में काले तेंदुए को भ्रमण करता पाया गया। श्रवण फाये के अनुसार कुछ दिनों पहले लगाए गए ट्रैप कैमेरों में काला तेंदुआ देखा गया। इसे विलुप्त प्रजाती का माना जाता है। इस परिक्षेत्र में काला तेंदुआ नजर आना यानी यह अच्छा संकेत है। राज्य में तेंदुओं की संख्या अधिक है। इसे प्लैक पैंथर के नाम से पहचाना जाता है। यह तेंदुआ भी आम तेंदुए की तरह होता है। केवल इसका रंग अलग होता है। शरीर में मेलैनिन के कारण उसका रंग काला होता है। काला तेंदुआ प्रमुख रूप से कर्नाटक तामिलनाडू के जंगल में पाए जाते है।

Created On :   6 Aug 2025 1:27 PM IST

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