Chandrapur News: महामाया कोल वाॅशरी में कोल का झोल, कोयला एमपी जेनको का और बेचा जा रहा है निजी कंपनियों को

महामाया कोल वाॅशरी में कोल का झोल, कोयला एमपी जेनको का और बेचा जा रहा है निजी कंपनियों को
  • गोपानी, सिद्धबली इस्पात जैसी अनेक कंपनियां खरीद रहीं ब्लैक मार्केट का कोयला
  • आरसीसीपीएल मुकुटबन ने खरीदा हजारों टन कोयला

Chandrapur News कोयला नगरी के रूप में पहचानी जानेवाली चंद्रपुर जिले की घुग्घुस में स्थित महामाया इन्फ्रा डेवलर्पस कोल वॉशरी में मध्यप्रदेश के बिजली केंद्रों को वॉश करके देने के लिए आनेवाले कोयले में हेराफेरी करके अच्छा कोयला परिसर के निजी कंपनियों को बेचा जा रहा है। जबकि बैड मटेरियल भरकर बिजली केंद्रों को भेजा रहा है। यह गोरखधंधा बड़े पैमाने पर शुरू है। संबंधित विभाग आर्थिक साठगांठ के चलते चुपचाप बैठे हुए हंै।

जानकारी के मुताबिक घुग्घुस स्थित महामाया कोल बेनिफिशरी ने मुकुटबंद की सीमेंट कंपनी आरसीसीपीएल को दस हजार टन से अधिक वॉश कोयला दे चुकी है। जबकि यह कोयला मध्यप्रदेश के एमपीपीजीसीएल खंडवा पावर प्लांट का होने की जानकारी है। साथ ही ताड़ाली एमआईडीसी के गोपानी, सिद्धबली इस्पात जैसे कंपनियों ने भी ब्लैक मार्केट का करोड़ों रुपए का कोयला खरीदा है।

एमपीसीबी ने किया था पर्दाफाश : विशेष बात है कि, एक-दो वर्ष पहले कोल वॉशरी से कोयला खरीदने के मामले में गोपानी, सिद्धबली जैसी अनेक कंपनियों को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने नोटिस जारी किए थे जिसमें उन्होंने रिजेक्ट कोल के नाम पर वॉशरियों से हजारों टन कोयला खरीदा था। जबकि सवाल है कि, निजी कंपनियां रिजेक्ट कोल क्यों खरीदेगी?

करोड़ों का कोयला बेचा : चंद्रपुर जिले में स्थित महामाया वॉशरी द्वारा बड़े पैमाने पर निजी कंपनियों को वॉश कोयला ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार लगभग 5500 रुपए प्रति टन कोयला आरसीपीएल सीमेंट कंपनी को बेचा गया। उदाहरण के तौर पर 5500 × 10000 टन याने लगभग 5.30 करोड़ का कोयला एक ही कंपनी को दिया गया। ऐसी अनेक कंपनियों को महामाया वॉशरी ने कोयला बेचा है। जिसकी संपूर्ण जांच होने पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार उजागर होगा।

पहले से ही विवादों में है वॉशरी : मालूम हो कि, आए दिन विवादों में रहनेवाली महामाया इन्फ्रा डेवलर्पस वॉशरी का पहले पानी चोरी का मामला सामने आया था। उपर तक संबंधित विभागों को इसकी शिकायत तक पहुंची थी। अभी कोयला चोरी का मामला सामने आया है। ऐसे अनेक मामले दिन-ब-दिन उजागर हो रहे हैं। संबंधित विभाग ने इन मामलों की विस्तृत जांच पड़ताल की तो कई खुलासे हो सकते हंै।

कोयले के बारे में कुछ कह नहीं सकते : इसके बारे में कुछ भी नहीं कह सकता। यह तो कमर्शियल वाले ही बताएंगे। -ब्रिज मोहन, एचआर हेड, आरसीसीपीएल सीमेंट मुकुटबन

कंपनियों से संपर्क नहीं : इस संबंध में गोपानी कंपनी के एचआर जे.के.नायर व सिद्धबली इस्पात कंपनी के एचआर अभय िसंह से निरंतर संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इसलिए उनका पक्ष नहीं मिल पाया।

विमला रेलवे साइडिंग पर भेजते हैं : वॉशरी से कोल वॉश करके ट्रकों से विमला रेलवे साइडिंग पर भेजते हंै। इसके बाद आगे रेलवे से कहां जाता है यह बता नहीं सकते। गोपानी, सिद्धबली कंपनी में रोजाना दो-तीन गाड़ियां कोयला लेकर जाती है। वह कोयला कौनसा है? इसकी जानकारी नहीं है। अभी आरसीसीपीएल मुकूटबन सीमेंट कंपनी को नहीं जा रहा है। -चंद्रशेखर तिवारी, जीएम, महामाया इन्फ्रा डेवलपर्स प्रा.लि., घुग्घुस


Created On :   10 July 2025 3:44 PM IST

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