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Chhindwara News: गलघोंटू का कहर..दूसरे बच्चे ने भी तोड़ा दम, दो बच्चों का चल रहा इलाज

- तामिया दलेलढाना के चार भाई-बहनों को डिप्थिरिया वायरस ने जकड़ा था, दो की मौत
- डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं बचा मासूम
- शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्षवर्धन कुड़ापे ने बताया कि डिप्थीरिया वायरस काफी घातक होता है।
Chhindwara News: डिप्थीरिया वायरल (गलघोंटू) के संक्रमण से पीड़ित दूसरे बच्चे ने भी शनिवार देर रात दम तोड़ दिया। इससे पहले बुधवार को तामिया से जिला अस्पताल लाते वक्त 6 साल के राजकुमार ने दम तोड़ दिया था। दो बच्चों का अब भी जिला अस्पताल के पीआईसीयू में इलाज जारी है। पीड़ित चारों बच्चे भाई-बहन है।
गाैरतलब है कि दलेलढाना निवासी दुखलाल काकोड़िया के चार बच्चों को डिप्थीरिया वायरस ने अपने चपेट में ले लिया था। बच्चों की हालत गंभीर होने पर बुधवार को तामिया अस्पताल से सभी को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जिला अस्पताल लाते वक्त रास्ते में दुखलाल के छोटे बेटे छह वर्षीय राजकुमार की मौत हो गई थी।
वहीं तीन बच्चे क्रमश: 14 वर्षीय सपना, 10 वर्षीय अंगित और 8 वर्षीय समित को पीआईसीयू में भर्ती किया गया था। यहां इलाज के दौरान शनिवार रात लगभग 11 बजकर 40 मिनट पर समित ने भी दम तोड़ दिया। मृतक समित के भाई अंगित और बहन सपना का पीआईसीयू में इलाज जारी है।
डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं बचा मासूम-
डॉक्टर और स्टाफ की तमाम कोशिशों के बाद भी समित को नहीं बचाया जा सका। बच्चों के गले में फैले इंफेक्शन को खत्म करने डीएसटी (डिप्थीरिया एंटी टॉक्सिन) इंजेक्शन समेत अन्य एंटी वायरस इंजेक्शन लगाए गए थे। इसके बाद भी बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर नहीं हो सका है।
घातक है डिप्थीरिया वायरस-
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्षवर्धन कुड़ापे ने बताया कि डिप्थीरिया वायरस काफी घातक होता है। इस वायरस की चपेट में आने से पेशेंट के गले में सूजन आ जाती है। गले में सूजन की वजह से वह सांस नहीं ले पाते। इसी के साथ खांसते वक्त खून आने की समस्या आती है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को काफी केयर की जरुरत होती है। पीिड़त को महीनों तक ऑब्जर्वेशन में रखना होता है।
सांसद पहुंचे अस्पताल, परिजनों से मिले, चिकित्सकों से चर्चा की-
रविवार को सांसद बंटी विवेक साहू जिला अस्पताल पहुंचे थे। सांसद श्री साहू ने डिप्थीरिया वायरस (गलघोंटू) से पीड़ित सपना और अंगित से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। बच्चों काे इलाज दे रहे चिकित्सकों से सांसद ने चर्चा कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने कहा है। सांसद ने बच्चे के परिजनों से भी मुलाकात की। इस अवसर पर डॉ. कृष्ण हरजानी, चंद्रकुमार चंदू जैन समेत चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ उपस्थित था।
गलघोंटू के लक्षण-
- गले में दर्द, कमजोर और थकान।
- गले की ग्रंथियों में सूजन।
- गले की झिल्ली में सूजन से सांस लेने में तकलीफ।
- पीड़ित पानी या भोजन निगल नहीं पाते।
- मरीज को बुखार बना रहता है।
Created On :   23 Jun 2025 1:20 PM IST