नाले में मिलने वाली मूर्ति 10वीं शताब्दी की पीडब्ल्यूडी कर्मियों ने संग्रहालय में कराई जमा

नाले में मिलने वाली मूर्ति 10वीं शताब्दी की पीडब्ल्यूडी कर्मियों ने संग्रहालय में कराई जमा
पुरातत्व विभाग ने नहीं दिखाई रुचि, खड़े हुए कई सवाल

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

यूनिवर्सिटी रोड पर स्थित नाले में मिलने वाली मूर्ति 10वीं शताब्दी की है। इसकी पुष्टि रानी दुर्गावती संग्रहालय के मार्गदर्शक राजकुमार रोसल्या ने पीडब्ल्यूडी कर्मियों को मूर्ति जमा करते समय रिसीविंग लेटर में की है। एक पत्थर पर अनूठी कलाकृति के साथ बनाई गई मूर्ति की कीमत लाखों में आँकी गई है लेकिन इस अनमाेल धरोहर को लेकर पुरातत्व विभाग ने कोई रुचि नहीं दिखाई। इतना ही नहीं जब संग्रहालय में मूर्ति जमा कराई गई तो उसे सुरक्षित जगह रखने की बजाय पोर्च से लगे रास्ते में लापरवाहीपूर्वक रख दिया गया, जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। जानकारों का मानना है कि इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इतनी प्राचीन और बेशकीमती मूर्ति का नाले में मिलना कई सवाल खड़े करता है। लिहाजा पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर भी इसकी संजीदगी से जाँच होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि मंगलवार की सुबह यूनिवर्सिटी रोड पर पीडब्ल्यूडी कार्यालय से लगे नाले में एक कर्मचारी को मूर्ति पड़ी हुई दिखी थी।

जिसके बाद कार्यपालन यंत्री शिवेंद्र सिंह ने अपने स्टाफ के अटल उपाध्याय, राजेन्द्र त्रिपाठी, प्रमोद गुप्ता, मानदाता विश्वकर्मा, दयाराम, कमल सिंह, वैभव मसीह की मदद से मूर्ति को बाहर निकलवाकर कार्यालय के अंदर सुरक्षित रखा था। पीडब्ल्यूडी की तरफ से पुरातत्व विभाग को भी मूर्ति के संबंध में सूचना दे दी गई थी। बुधवार की सुबह से मूर्ति को देखने वालों का कार्यालय में मजमा लगा रहा लेकिन पुरातत्व विभाग की तरफ से मूर्ति को संरक्षण में लेने कोई नहीं पहुँचा। लिहाजा कार्यपालन यंत्री श्री सिंह के निर्देश पर कर्मचारियों ने शाम 4 बजे भँवरताल के समीप रानी दुर्गावती संग्रहालय में पहुँचकर मूर्ति को जमा कराया।

Created On :   24 Aug 2023 8:53 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story