जबलपुर: बिजली कंपनियों में भर्ती नहीं होने से 50 हजार पद खाली पड़े

बिजली कंपनियों में भर्ती नहीं होने से 50 हजार पद खाली पड़े
  • आउटसोर्स कर्मियों से चलाया जा रहा है काम, मैनपाॅवर की कमी से लोगों को हो रहीं परेशानियाँ
  • सभी बिजली कंपनियाें में करीब 50000 नियमित पद खाली पड़े हुए हैं।
  • बिजली कंपनी के करंट के कामों में नियमित कर्मचारी नहीं होने से सबसे अधिक परेशानी हो रही है

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती बिजली कंपनियाँ मैनपाॅवर की अत्यधिक कमी से जूझ रही हैं। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बताया जाता है कि सभी बिजली कंपनियाें में करीब 50000 नियमित पद खाली पड़े हुए हैं।

साथ ही हर महीने बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। उनकी जगह पर करीब 14 वर्षों से नियमित भर्ती करने की बजाय कंपनियों द्वारा इन पदों को ठेकेदारों के हवाले किया जा रहा है।

ठेकेदार आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती करते हैं, जिनको करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं होता, इसलिए लगातार मेंटेनेंस, राजस्व वसूली, करंट आदि के काम जमीनी अधिकारियों के द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से दबाव डालकर आउटसोर्स कर्मियों से कराए जा रहे हैं। इसके कारण हजारों आउटसोर्स कर्मियों की मृत्यु हो गई है या फिर वे जीवन भर के लिए दिव्यांग हो गए हैं।

करंट के काम में अधिक परेशानी

बताया जाता है कि बिजली कंपनी के करंट के कामों में नियमित कर्मचारी नहीं होने से सबसे अधिक परेशानी हो रही है। चूँकि आउटसोर्स कर्मियों को करंट का काम करने का अधिकार नहीं है।

इसके बावजूद कर्मियों की कमी के चलते करंट का काम मजबूरन उन्हीं से कराया जाता है। इसके कारण आए दिन आउटसोर्स कर्मी दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं। बिजली कंपनियों का काम उपभोक्ताओं के घरों को रोशन करना है, इसलिए आउटसोर्स कर्मियों का विद्युत कंपनियों में संविलियन जल्द करना चाहिए।

आउटसोर्स कर्मी उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि मानकर ठंड, बरसात एवं गर्मी की विपरीत परिस्थितियों में 24 घंटे सेवा में जुटे रहते हैं।

मौत होने पर परिवार में संकट

मप्र विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि अनेक प्रकरणों में परिवार के इकलौते लड़के होने और आउटसोर्स कर्मी की करंट लगने से मृत्यु होने पर उनके परिवार के समक्ष पालन-पोषण का संकट उत्पन्न हो रहा है।

कई परिवारों का तो पूरा वंश ही समाप्त हो गया है। इसके बावजूद शासन-प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालांकि कई प्रकरणों में आउटसोर्स कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है।

संघ ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारियों से माँग की है कि प्रदेश के सभी जिलों की विद्युत व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में आउटसोर्स कर्मियों का होना अतिआवश्यक है।

Created On :   12 April 2024 3:08 PM IST

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