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यातनाओं के साथ मौत स्वीकार की पर नहीं बदला धर्म
डिजिटल डेस्क जबलपुर। गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार गोरखपुर, मैदान में पंचम गुरु अर्जन देव महाराज का पवित्र शहीदी दिवस आस्था और विश्वास के साथ मनाया गया। इस दौरान श्री दरबार साहिब अमृतसर पंजाब के हजूरी रागी जत्था भाई जुझार सिंह एवं साजिंदों ने मनोहारी गुरबाणी शबद-कीर्तन प्रस्तुत किया। गुरबाणी विचारक ज्ञानी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि गुरु अर्जन देव सिख धर्म के पहले अमर शहीद हैं, जिन्होंने इस्लाम कबूल नहीं किया। उन्हें मुगलकाल में बर्बर यातनाएँ देकर शहीद किया गया।
इनके साथ ही रागी जत्था गोबिंद सिंह, महिंदर पाल सिंह, ज्ञानी हरजीत सिंह खालसा एवं स्त्री सत्संग सभा द्वारा भी गुरबाणी शबद-कीर्तन एवं कथा प्रवाह चलाया गया। इस मौके पर प्रधान सरदार मनोहर सिंह रील, रजिंदर सिंह छाबड़ा, हरजीत सिंह सूदन, मनप्रीत सिंह आहूजा, नंद पाल सिंह जस्सल, गुरदीप सिंह सलूजा सहित बड़ी संख्या में पहुँचे श्रद्धालुओं ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेका। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, पार्षद जय लक्ष्मी चक्रवर्ती, काके आनंद, पं. विनोद गोंटिया एवं सेवादारों को सिरोपा प्रदान कर सम्मानित किया।
विश्व शांति के लिए अरदास
मुख्य ग्रंथी बाबा हरजीत सिंह ने विश्व शान्ति और सर्वत्र भले की अरदास प्रार्थना संपन्न करवाई। कड़ाह प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। संचालन मनप्रीत सिंह आहूजा ने किया। इस मौके पर मदन महल, गोरखपुर, राँझी खमरिया, अधारताल, पुराना बस स्टैंड, ग्वारीघाट सहित नगर के विभिन्न हिस्सों में मीठी लस्सी छबील वितरित कर गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
खमरिया में आयोजन
गुरुद्वारा तंबू साहिब वैस्ट लैंड खमरिया में कीर्तन दरबार और गुरु का लंगर आदि आयोजनों के साथ शहीदी दिवस मनाया गया। रागी जत्था भाई आदित्य प्रताप सिंह, ज्ञानी फुलवीर सिंह एवं स्त्री सत्संग जत्थों ने गुरबाणी शबद-कीर्तन पेश किया। इस दौरान पीडि़त मानवता की सेवा हेतु रक्तदान शिविर के साथ ही मीठी लस्सी छबील का भी वितरण सिख समाज द्वारा किया गया। संचालन जोगा सिंह ने किया।
Created On :   10 Jun 2024 11:06 PM IST