निगमायुक्त की छुट्टी पर भाजपा पार्षदों का धरना, हंगामा, कहा- हटाए जाएं अतिक्रमण अधिकारी

नगर निगम की धारा 30 की बैठक में भ्रष्टाचार को लेकर जमकर हुआ हंगामा

डिजिटल डेस्क जबलपुर।नगर निगम की धारा 30 की बैठक में मंगलवार सुबह 11 बजे उस वक्त बवाल हो गया, जब सदन की बैठक के दौरान हमेशा निगमायुक्त के छुट्टी पर रहने को लेकर भाजपा के चार पार्षदों ने सदन के बाहर धरना दे दिया। पार्षदों की माँग को उस वक्त और बल मिल गया, जब महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा कि निगमायुक्त सदन के साथ ही एमआईसी की बैठक में भी नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि जब सदन और एमआईसी की बैठक चलती है तो ध्यान रखना चाहिए कि कलेक्टर नगर निगम के अधिकारियों को दूसरी जगह न बुलाएँ। बैठक में अतिक्रमण शाखा में भ्रष्टाचार को लेकर भी जमकर हंगामा हुआ। िनगमाध्यक्ष रिकुंज विज ने आसंदी से निर्देश दिया कि सदन की बैठक में हुए निर्णयों का त्वरित गति से पालन किया जाए। निगमाध्यक्ष श्री विज ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर बनाने के लिए ढाई लाख रुपए दिए जा रहे हैं।

धारा 30 की बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षद जीतू कटारे ने कहा कि निगमायुक्त सदन की बैठक से बचने के लिए हमेशा छुट्टी पर चले जाते हैं। निगमायुक्त संवैधानिक व्यवस्था को चुनौती देने के साथ ही सदन की अवमानना भी कर रहे हैं। इसके बाद श्री कटारे ने सदन के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। उनके साथ भाजपा पार्षद राहुल साहू, अतुल जैन दानी और योगेन्द्र उइके भी धरने पर बैठ गए। महापौर और नेता प्रतिपक्ष ने पार्षदों को धरने से उठाया। वहीं दूसरी तरफ निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े का कहना है कि वे 20 अगस्त रविवार से अवकाश पर हैं, 23 अगस्त को शासकीय कार्य से भोपाल में रहेंगे व 24 अगस्त को कार्य पर उपस्थित होंगे।

भाजपा पार्षदों ने नगर सरकार को घेरा

नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल, महेश राजपूत, सुभाष तिवारी, अंजना अग्रहरि, मधुबाला राजपूत, रजनी साहू, सुनील पुरी गोस्वामी, कविता रैकवार, मालती चौधरी, सोनिया सिंह, संतोषी ठाकुर एवं दामोदर सोनी ने कहा कि दो महीने पहले धारा 30 की बैठक बुलाने हेतु पत्र दिया गया था, लेकिन बैठक नहीं बुलाई गई। इससे शहर के कई इलाकों में जलसंकट हुआ। बारिश में लोगों के घरों में पानी भर गया। सीवर लाइन के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की गाडिय़ाँ एक-एक सप्ताह तक नहीं आती हैं।

दो दिन में अतिक्रमण अधिकारी को नहीं हटाया तो आंदोलन होगा

नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने कहा कि नगर िनगम के अतिक्रमण विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर पहुँच गया है। अतिक्रमण विभाग के अधिकारी और दल प्रभारी उसी जगह कार्रवाई करते हैं, जहाँ से उन्हें मोटी रकम मिलती है। यहाँ तक कि दल प्रभारियों के घर पर नाश्ता भी खाद्य सामग्रियों की दुकान से पहुँचता है। अतिक्रमण विभाग में 80 कर्मचारी हैं, लेकिन 40 ही काम पर आते हैं। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण अधिकारी और दल प्रभारियों को दो दिन के भीतर नहीं हटाया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

डेढ़ साल में घर-घर पहुँचेगा नर्मदा जल, 284 करोड़ की योजना मंजूर

महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 284 करोड़ रुपए की अमृत फेज-टू योजना स्वीकृत हो गई है। डेढ़ साल में घर-घर में नर्मदा जल पहुँचने लगेगा। पिछले साल की तुलना में इस बार शहर में 60 प्रतिशत कम जलप्लावन हुआ है। इस समस्या को भी जल्द दूर कर लिया जाएगा। दिसंबर तक शहर में सीवर लाइन का काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का ठेका निरस्त का प्रस्ताव सदन में लाया गया था, लेकिन भाजपा पार्षदों ने प्रस्ताव को निरस्त कर दिया।

तत्कालीन कलेक्टर ने दी थी चेतावनी

कांग्रेस पार्षद और उपसभापति अयोध्या तिवारी ने कहा कि वर्ष 2008 में जबलपुर के तत्कालीन कलेक्टर हरिरंजन राव ने नगर निगम को चेतावनी दी थी कि भौगोलिक और तकनीकी रिसर्च के आधार पर ओमती और मोतीनाला को बाँधना उचित नहीं है। इसके बाद भी 374 करोड़ रुपए खर्च कर दोनों नालों को पक्का कर दिया गया। इससे शहर में जलप्लावन होने लगा। हमें अब इस समस्या से निजात पाने के लिए विचार करना होगा।

विधायक प्रतिनिधि भी पहुँचे

उत्तर-मध्य विधानसभा के विधायक विनय सक्सेना के विधायक प्रतिनिधि के रूप में मंगलवार को सदन में पंकज पांडे पहुँचे। सदन में महापौर, नेता प्रतिपक्ष और पार्षदों ने उनका स्वागत किया।

सदन में सो रहे थे अपर आयुक्त

सदन में निगमायुक्त की सीट सँभाल रहे अपर आयुक्त विद्यानंद बाजपेयी सोते हुए पाए गए। इस पर भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने जमकर आपत्ति जताई।

Created On :   22 Aug 2023 11:19 PM IST

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