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Jabalpur NEws: पहली बार कैडेवरिक किडनी प्रत्यारोपण, 42 वर्षीय मरीज काे मिली नई जिंदगी

Jabalpur News। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल में पहला कैडेवरिक किडनी प्रत्यारोपण सफल रहा है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला शासकीय कॉलेज बन गया है, जहां ब्रेन डेड मरीज की किडनी किसी जरूरमंद मरीज को लगाई गई। कॉलेज में इसके पहले भी किडनी प्रत्यारोपण हुए हैं, लेकिन उन मामलों में मरीज के परिजन अथवा परिचित द्वारा किडनी दी गई थी। कैडेवरिक प्रत्यारोण के अंतर्गत एक 42 वर्षीय मरीज को किडनी लगाई थी। प्रत्यारोपण के बाद स्वस्थ्य होने पर मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है। कैडेवरिक अंगदाता सत्येंद्र यादव द्वारा दान की गई किडनी से उन्हें नया जीवन मिला है। डीन डॉ. नवनीत सक्सेना के अनुसार यह उपलब्धि प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। यह कार्य सामाजिक संदेश भी देता है कि मृत्यु अंत नहीं है, बल्कि किसी और की जिंदगी की नई शुरुआत भी बन सकती है। डायरेक्टर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल डॉ. अवधेश प्रताप सिंह कुशवाहा, अधीक्षक मेडिकल डॉ. अरविंद शर्मा एवं अधीक्षक सुपरस्पेशलिटी अस्पताल डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने ट्रांसप्लांट टीम का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह कदम प्रदेश में अंगदान एवं प्रत्यारोपण की संस्कृति को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस टीम की रही अहम भूमिका
- इस प्रक्रिया में नोडल अधिकारी डॉ. फणींद्र सोलंकी ने अहम भूमिका निभाई, जिनके समन्वय से मृतक दाता के हृदय को अहमदाबाद तथा लिवर को भोपाल स्थित संस्थानों में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया और किडनी प्रत्यारोपण मेडिकल कॉलेज में डॉ. नीरज जैन, डॉ. तुषार ढकाते एवं डॉ. रत्नेश द्वारा किया गया ।
- परिजनों को अंगदान हेतु प्रेरित करने में डॉ. जितिन बजाज एवं डॉ. शैलेंद्र रात्रे, ब्रेन डेड डिक्लेरेशन कमेटी में डॉ ललित जैन, डॉ नम्रता चौहान अहम भूमिका निभाई।
- सर्जिकल टीम में डॉ. निमिष राय डॉ. अविनाश, डॉ. अनुराग, डॉ प्रवीण, डॉ अरविंद और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. अमित जैन, डॉ. कमलराज, डॉ प्रद्युम्न के अलावा डॉ. रीति सेठ और डॉ विवेक श्रीवास्तव का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
Created On :   19 Aug 2025 12:24 AM IST