Jabalpur News: फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले वन्यप्राणियों की गिनती शुरू

  • राज्य वन अनुसंधान संस्थान द्वारा वन्य प्राणियों के जुटाए जा रहे हैं आंकड़े
  • उमरिया गांंव के तालाब में गुरुवार को मगरमच्छ दिखने से दहशत का माहौल निर्मित है।

Jabalpur News: खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले वन्य प्राणियों की पहचान करने और उनकी गणना करने का काम राज्य वन अनुसंधान संस्थान ने शुरू किया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव के दिशा-निर्देश से राज्य वन अनुसंधान संस्थान द्वारा राजस्व क्षेत्र जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में वन्य प्राणियों के आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह पहली बार किया जा रहा है, इन आंकड़ों से पता चलेगा कि फसल हानि करने वाले वन्यप्राणी कौन-कौन से हैं एवं उनकी संख्या कितनी है।

मुख्य तौर पर नीलगाय, जंगली सूअर, काला हिरण एवं चिंकारा आदि वन्यप्राणी के आंकड़े तथा उनकी विचरण स्थल की पहचान की जा रही है। यह परियोजना संस्थान के संचालक प्रदीप वासुदेवा के निर्देशन एवं वन्यप्राणी विभाग के वैज्ञानिक डॉ. अनिरुद्ध मजूमदार एवं उनके दल द्वारा संपादित की जा रही है।

तीन वर्षीय योजना है

कुल 3 वर्ष की इस परियोजना में प्रदेश के सभी जिलों से आंकड़े जुटाए जाएंगे, जो वन्य प्राणियों के प्रबंधन के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होंगे। अधिकारियों के अनुसार इस कार्य से काला हिरण आदि वन्यप्राणियों को अगर भविष्य में राजस्व क्षेत्र से ऐसे संरक्षित जंगल में पुन: स्थापित करना पड़ा जहां उनकी जरूरत है तो आसानी होगी। साथ ही उनकी संख्या में वृद्धि कर बाघ, तेंदुआ, चीता आदि मांसाहारी वन्य प्राणियों के लिए उनकी खुराक की उपलब्धता तय की जा सकती है।

वैज्ञानिक आंकड़े एकत्रित कर रहे

राज्य वन अनुसंधान संस्थान द्वारा इस परियोजना के तहत अशोक नगर, शाजापुर, आगर मालवा, भोपाल आदि जिलों के राजस्व क्षेत्र में जाकर वैज्ञानिक पद्धति से उनके आंकड़े एकत्रित कर संबंधित वन विभाग को प्रतिवेदन प्रदाय किया जा रहा है। योजना का मकसद मानव और वन्य प्राणियों के बीच होने वाले संघर्ष को रोकना एवं फसलों को बचाना है।

ग्राम झुरझुरू के बाद उमरिया के तालाब में भी दिखा मगरमच्छ, दहशत

ग्राम झुरझुरू के बाद उमरिया गांंव के तालाब में गुरुवार को मगरमच्छ दिखने से दहशत का माहौल निर्मित है। पनागर विकासखंड के उमरिया-पिपरिया में इसलिए लोग ज्यादा डरे हुए हैं क्योंकि जिस तालाब में मगरमच्छ दिखा है, उसका उपयोग पूरा गांंव निस्तार के लिए करता है। लेकिन अब तालाब के पास भी जाने से लोग घबरा रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को हो रही है, क्योंकि नहाने, कपड़े धोने के साथ अन्य घरेलू कामों के लिए इसी तालाब के पानी का उपयोग किया जाता है।

गांंव वालों का कहना है कि फिलहाल मगरमच्छ ने किसी पर हमला नहीं किया है, लेकिन डर हमेशा बना रहता है। जल्द से जल्द इसका रेस्क्यू होना चाहिए। गांव के लोगों ने वन विभाग को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि मगरमच्छों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन उनके आवासीय क्षेत्रों में प्रवेश को रोकने की कोई योजना वन विभाग के पास नहीं है। हालांकि सूचना पाकर पनागर रेंज से वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मुन्ना केवट के घर से लगे तालाब का निरीक्षण किया।

Created On :   8 Sept 2025 7:12 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story