Jabalpur News: चेतावनी नजरअंदाज कर बाजार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे सैकड़ों तरह के कफ सिरप

चेतावनी नजरअंदाज कर बाजार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे सैकड़ों तरह के कफ सिरप
निर्धािरत गाइड लाइन के अनुसार 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चाें को नहीं दी जानी चाहिए फिक्स डोज कॉम्बिनेशन की दवाएं

Jabalpur News: कोल्ड्रिफ सिरप के नमूनों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक डायएथिलीन ग्लायकॉल केमिकल की पुष्टि होने के बाद बाजार में बिक रहे दूसरे कफ सिरप को भी अब संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। जानकारों की मानें तो बाजार में फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) वाली सैकड़ों तरह की सिरप मौजूद हैं, जिन्हें चिकित्सकों द्वारा प्रिस्क्राइब किया जा रहा है। खास बात यह है कि इन दवाओं की बिक्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों को धता बताते हुए धड़ल्ले से की जा रही है। सैकड़ों तरह की सिरप में से एक पर भी चेतावनी नहीं है, जबकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट आईपी+फिनाइलेफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड जैसे फिक्स डोज कॉम्बिनेशन वाली दवाएं 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए, साथ ही दवा निर्माता कंपनियों को दवा के लेबल और पैकेज इन्सर्ट अथवा प्रमोशनल लिटरेचर पर यह चेतावनी भी लिखनी चाहिए कि संबंधित दवा का उपयोग 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में न किया जाए। वर्तमान स्थिति यह है कि दवा निर्माता कंपनियां इन निर्देशों का मखौल उड़ा रही हैं। इन दवाओं को लिखने वाले चिकित्सक भी इन निर्देशों से अनभिज्ञ हैं।

बिना पर्चे के नहीं कर सकते विक्रय

अधिसूचना के अनुसार उल्लेखित औषधियों का विक्रय रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के पर्चे के बिना न किया जाए। इस बात का ध्यान रखा जाए कि विक्रय 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए न हो। अगर ये दवाएं पर्चे पर 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के लिए लिखी गई हैं तो मरीज को इन दवाओं के देने से पहले रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से पुन: परामर्श करने का सुझाव दिया जाए।

सिरप पर नहीं होती जानकारी

जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके वर्मा ने बताया कि किसी भी सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल केमिकल है या नहीं, यह मेंशन नहीं होता है। इसके अलावा किस उम्र तक के बच्चों को देना है अथवा नहीं देना है, इसकी जानकारी भी नहीं होती है। मेरी जानकारी में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए। अगर बच्चे की उम्र 6 माह से कम है तो चिकित्सक की सलाह पर नेजल सलाइन ड्रॉप्स दे सकते हैं, इसके अलावा मदर फीड जरूरी है। बच्चा 6 माह से अधिक उम्र का है तो हाइड्रेशन का ध्यान रखें, फीड अच्छे से कराएं और चिकित्सक की सलाह पर भाप दें। 6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में खांसी से जुड़े दूसरे लक्षणों पर भी ध्यान दें, ये अस्थमा या टीबी भी हो सकता है।

ऐसे हैं निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसी वर्ष अप्रैल माह में फिक्स डोज कॉम्बिनेशन वाली दवाओं को लेकर अधिसूचना जारी की थी, जिसके अनुसार क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट आईपी+फिनाइलेफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड के सभी उत्पाद निर्माताओं को दवा के लेबल और पैकेज इन्सर्ट अथवा प्रमोशनल लिटरेचर पर चेतावनी एफडीसी (फिक्स डोज कॉम्बिनेशन) का उपयोग 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाना चाहिए का उल्लेख करना अनिवार्य है।

दवा निर्माता कंपनी पर हो कार्रवाई

केमिस्ट एसोसिएशन के पूर्व सचिव चंद्रेश जैन के अनुसार दवा निर्माण कंपनी का यह दायित्व है कि वह सरकार द्वारा जारी अधिसूचना का पालन करे। वहीं अधिसूचना का पालन नहीं करने पर दवा कंपनी पर कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रशासन को इस दिशा में ठाेस कदम उठाना होगा।

Created On :   7 Oct 2025 5:37 PM IST

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