Jabalpur News: न्यायदान की प्रक्रिया में मानवीय मूल्यों का ध्यान रखना जरूरी

न्यायदान की प्रक्रिया में मानवीय मूल्यों का ध्यान रखना जरूरी
  • स्टेट बार कौंसिल ने सुको और मप्र हाई कोर्ट के न्यायाधीशों का किया सम्मान

Jabalpur News: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय करोल ने कहा कि एक न्यायाधीश को न्यायदान की प्रक्रिया में मानवीय मूल्यों का ध्यान रखना चाहिए। तभी न्याय का उद्देश्य पूरा हो पाएगा। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी लोग उन्हें कुर्सी ऑफर करते हैं तो समझिए कि वे अपने काम में सफल हुए। न्यायदान में अधिवक्ताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जस्टिस श्री करोल ने उक्ताशय के विचार स्टेट बार कौंसिल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त किए।

स्टेट बार कौंसिल की ओर से जस्टिस श्री करोल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन राधेलाल गुप्ता और वाइस-चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सक्सेना, प्रशासनिक न्यायाधीश अतुल श्रीधरन, इंदौर बेंच के प्रशासनिक न्यायाधीश विवेक रूसिया और ग्वालियर बेंच के प्रशासनिक न्यायाधीश आनंद कुमार पाठक का भी पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।

समारोह में सुको के जस्टिस श्री करोल ने कहा कि स्टेट बार कौंसिल प्रदेश के अधिक्ताओं की समस्या सुलझाने और उनके वेलफेयर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्टेट बार के सदस्यों का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होता है। कार्यक्रम में स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन राधेलाल गुप्ता ने कहा कि देश की आबादी 150 करोड़ हो चुकी है।

ऐसे में 1150 न्यायाधीश अपने धर्म का पालन कर लोगों को न्याय देने में जुटे हुए हैं। वाइस-चेयरमैन श्री सैनी ने कहा कि बार और बेंच के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए, तभी न्यायदान की प्रक्रिया में तेजी आ सकेगी। कार्यक्रम में स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन श्री गुप्ता और वाइस-चेयरमैन श्री सैनी का भी सम्मान किया गया।

Created On :   1 Sept 2025 5:52 PM IST

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