Jabalpur News: एयरपोर्ट रोड को पूरा फोरलेन बनने में सिर्फ एक पत्र की बाधा

एयरपोर्ट रोड को पूरा फोरलेन बनने में सिर्फ एक पत्र की बाधा
  • वर्किंग का कमाल, दो साल में पीएस रेवेन्यू से एक सहमति पत्र नहीं ले पाये अधिकारी
  • इस वजह से 4.5 किलोमीटर सड़क अब भी टूलेन
  • सड़क निर्माण में बजट की कमी नहीं है तो अधिकारियों के अनदेखी भरे रवैये ने इसको संकरा बनाकर रखा है।

Jabalpur News: डुमना एयरपोर्ट रोड को रानी दुर्गावती विवि की सीमा से हवाई अड्डे तक 10.5 किलोमीटर एरिया में फोरलेन बनना है। 6 किलोमीटर सड़क तो फोरलेन बन गई लेकिन 4.5 किलोमीटर क्षेत्र में सड़क टूलेन ही है। टूलेन वाले हिस्से में रक्षा मंत्रालय की भूमि आती है जिसमें रक्षा मंत्रालय ने इस आधार पर निर्माण की सहमति दे दी है कि उसको भविष्य में बदले में भूमि दी जाएगी इसके लिए पीएस रेवेन्यू केवल सहमति पत्र दे दें।

यदि सहमति पत्र दे दें तो सड़क तुरंत बनानी शुरू कर दें उसको कोई भी आपत्ति नहीं है, पर दुर्भाग्य देखिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारी लंबी प्रोसेस के बाद भी राजस्व विभाग का एक सहमति पत्र रक्षा मंत्रालय को नहीं दे सके। सहमति पत्र के चक्कर में बीते दो साल से टूलेन वाला हिस्सा फोरलेन बनने के लिए तरस रहा है। लोग लोक निर्माण विभाग की इस तरह की वर्किंग पर सवाल उठा रहे हैं।

लोगों का कहना है जो काम केवल 24 घंटे में या कुछ मिनटों में सहमति आधार पर हो सकता है उसके लिए निठल्ले अधिकारियों ने सालों गुजार दिये। अभी फिलहाल जो इसकी राजस्व विभाग से फाइल चल रही है उसमें जानकारों का कहना है कि ढीले रवैये की वजह से लंबा वक्त लगने वाला है। लोक निर्माण ईई शिवेन्द्र सिंह कहते हैं कि इसकी प्रोसेस के पूरा होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। इसके लिए सहमति मिलने ही वाली है।

संकरी सड़क से फ्लायर्स को परेशानी

एयरपोर्ट रोड का जो हिस्सा अभी फोरलेन नहीं बन सका है उसमें उड़ानें संचालित होने के वक्त कारों के काफिले से जाम की नौबत तक आती है। सड़क को चौड़ा बनाने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि एयरपोर्ट के अपग्रेड होने की दशा में आगे उड़ानों की संख्या और बढ़ने वाली है। यह मार्ग बेहद उपयोगी और वीआईपी मूवमेंट वाला भी है, इसका जल्द चौड़ा होना जरूरी है। सड़क निर्माण में बजट की कमी नहीं है तो अधिकारियों के अनदेखी भरे रवैये ने इसको संकरा बनाकर रखा है।

ठेका कंपनी और अफसरों को इसलिए लाभ

जानकारों का कहना है कि किसी भी रोड, बिल्डिंग संबंधी संरचना में पहले जो प्लान बनाया जाए इसमें सभी तरह की बाधा को पहले हटाना चाहिए। यदि बाधा रहती है और वक्त लगता है तो इससे निर्माण की लागत बढ़ जाती है। इस तरह की दशा में जनता को परेशानी होती है उसको तकलीफों के बीच गुजरना पड़ता है पर इससे ठेका कंपनी और अधिकारियों का फायदा होता है। इसमें दोबारा निर्माण बजट को रिव्यू कर राशि को बढ़वा लिया जाता है। एयरपोर्ट का बचा हिस्सा फोरलेन बनाने में अब ऐसा ही होने वाला है।

ऐसी बन रही सड़क

10.5 किलोमीटर सड़क कुल निर्माण लागत है 60 करोड़।

इसमें 4.5 किलोमीटर का एरिया अब भी फोरलेन नहीं बन सका।

सड़क में जंगली जानवरों को निकलने के लिए बनने हैं 11 अंडर पास।

इसमें 6 अंडर पास अभी नहीं बनाये गये, किनारे के हिस्से में जालियां।

पहले यह सड़क 80 फीट थी जिसको घटाकर 60 फीट कर दिया गया।

दो साल से मामला अटका जिससे अब नये सिरे से टेण्डर की संभावना।

Created On :   25 Jun 2025 5:52 PM IST

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