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Jabalpur News: नालों के पानी से तैयार होने वाली सब्जियों में मौजूद रहते हैं पैरासाइट, इनका उपयोग बेहद खतरनाक

- सीनियर सर्जन का दावा - आंत, खून के इन्फेक्शन और मिर्गी के मरीजों के इलाज मेें मिले प्रमाण, जागरूकता जरूरी
- भास्कर की मुहिम पर प्रशासन ने जिस गंभीरता से कार्रवाई की वो पूरे समाज की भलाई में है।
- नाले के गंदे पानी से तैयार होने वाली सब्जियों को खाने वाले पेशेन्ट्स की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।
Jabalpur News: नाले के गंदे पानी से तैयार होने वाली सब्जियों में हेवी मेटल्स और बैक्टीरिया से भी खतरनाक पैरासाइट (परजीवी) मौजूद रहते हैं। ये परजीवी चिकन या बकरे के कच्चे मांस में पाए जाते हैं। जिस तरह अधपका मांस खाने वाले लोगों में आंत, खून के इन्फेक्शन और मिर्गी जैसी बीमारियां फैलती हैं, ठीक वैसे ही नाले के गंदे पानी से तैयार होने वाली सब्जियों को खाने वाले पेशेन्ट्स की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।
ये परजीवी सिर्फ खाने से ही नहीं, बल्कि एक दूसरे को छूने या संपर्क में आने से भी फैलते हैं। ये दावा है सीनियर मेडिकल सर्जन डॉ. केसी देवानी का। डॉ. देवानी के अनुसार उनके पास कई ऐसे मरीज पहुंचे जो प्योर वेजिटेरियन हैं, लेकिन उनकी आंत, खून में खतरनाक परजीवी पाए गए, जिसके बाद ये पता चला कि वे लोग कच्चा सलाद खाते हैं।
ट्यूबवेल और नदी-तालाब के पानी में इस तरह के पैरासाइट नहीं होते, लिहाजा जो कच्चा सलाद खाकर बीमार हुए, उन्होंने नाले के पानी से तैयार होने वाली सब्जियों का उपयोग किया होगा। आम लोगों की सेहत की खातिर इसके लिए किसानों को भी जागरूक होना होगा।
सलाद को छीलकर ही खाएं | डॉ. देवानी के अनुसार गंदे नाले के पानी से तैयार होने वाली सब्जियां पूर्णत: प्रतिबंद्धित होनी चाहिए, क्योंकि इनका उपयोग जहर खाने के बराबर है। इसके अलावा आजकल ज्यादातर लोग खाने से पहले या नाश्ते में कच्चा सलाद खाते हैं, सलाद खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसलिए साफ पानी से तैयार होने वाली मूली, गाजर, ककड़ी, शकरकंद या दूसरी सलाद की चीजों को हमेशा छीलकर ही खाना चाहिए। क्योंकि इनकी ऊपरी परत में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं, जो छीलने से खत्म हो जाते हैं।
कई जगह जांच, गायब हुए पंप
सूत्रों के अनुसार इधर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर बनाई गई टीम ने सोमवार को ओमती और मोती नाला से लगे खेतों के अलावा फुटकर बाजारों में भी कई जगह औचक जांच की, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के डर से ज्यादातर लोगों ने नालों में लगे पंप गायब कर दिए हैं।
सबकी भलाई के लिए किसान भी दिखाएं जागरूकता
भारत कृषक समाज संघ के अध्यक्ष केेके अग्रवाल के अनुसार गंदे नालों के पानी से तैयार होने वाली सब्जियां सभी के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। इसलिए भास्कर की मुहिम पर प्रशासन ने जिस गंभीरता से कार्रवाई की वो पूरे समाज की भलाई में है।
श्री अग्रवाल के मुताबिक इस मामले में किसानों के साथ आम लोगों को भी जागरूक होना होगा। वहीं भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार-प्रमुख राघवेन्द्र पटेल का कहना है कि नालों में ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने चाहिए। किसानों को अच्छे व स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
Created On :   17 Jun 2025 6:28 PM IST