Jabalpur News: अनुमति के इंतजार और डिजाइन में उलझी 6 फ्लाईओवर के निर्माण की प्लानिंग

  • कोई भूमि पूजन के बाद आपत्तियों पर उलझा तो कोई घोषणा में ही कैद होकर रह गया
  • कार्य प्रगति पर नहीं है

Jabalpur News: शहर के अलग-अलग हिस्सों के लिए बीते 4 सालों में आधा दर्जन से अधिक फ्लाईओवर जल्द बनाने के दावे किए गए। इन फ्लाईओवर में लेकिन सामने आने वाली उलझनों और समस्याओं पर किसी भी तरह से गंभीरता से विचार नहीं हुआ, नतीजा यह है कि यह फ्लाईओवर अब भी कागजों में ही उलझे हुए हैं। किसी का टेंडर हुआ तो निर्माण की अनुमति में मामला अटका हुआ है तो किसी की डिजाइन फाइनल नहीं हो सकी।

भूमि पूजन, मंत्रालय की स्वीकृति और बजट प्रावधानों के बाद इन फ्लाईओवर का काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। लोगों का कहना है कि दमोह नाका-मदन महल फ्लाईओवर जैसे यदि इनका वर्क भी तेज गति से हो सके तो लाखों की आबादी को ट्रैफिक की समस्या से निजात मिल सकती है। शहर के कठिन और उलझन भरे रास्ते आसान हो सकते हैं। है।

पेंटीनाका-सृजन चौक

इसमें टेंडर प्रक्रिया को अपना लिया गया है। एमपीआरडीसी ने इसके लिए रक्षा मंत्रालय से अनुमति मांगी है कि पेंटीनाका से सृजन चौक की ओर जो काम सड़क पर करना है, उसके लिए अनुमति दी जाए। यदि रक्षा मंत्रालय की अनुमति मिलती है तो इसके बनने में वक्त नहीं लगेगा। इसमें शेष प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। यह सेतुबंधन योजना में स्वीकृत हुआ।

अधारताल-रद्दी चौकी

यह फ्लाईओवर केन्द्र सरकार की सेतु बंधन योजना में 4 साल पहले स्वीकृत किया गया। इसको पहले 500 मीटर का बनना था, बाद में इसकी लंबाई बढ़ाई गई। प्रस्ताव तैयार कर दो विभागों ने लोक निर्माण मंत्रालय भेज दिए जिससे हुआ यह है कि किसी भी बीते सालों में अनुमति नहीं मिल सकी। एमपीआरडीसी, लोक निर्माण सेतु इसको लेकर उलझे हुए हैं।

दीनदयाल चौक से माढ़ोताल

इस विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनते ही इस फ्लाईओवर को बनाने की घोषणा हुई। घोषणा के बाद लगा जैसे इसके बनने में वक्त नहीं लगेगा लेकिन घोषणा के बाद इस पर कभी विचार तक नहीं किया गया। अब लोग सवाल भी उठा रहे हैं कि जब बनाना ही नहीं था तो इसके लिए जोर-शोर से घोषणा क्यों की गई।

धनवंतरि से विजय नगर

यह फ्लाईओवर राज्य के बजट में स्वीकृत किया गया। लोक निर्माण सेतु इसको बना रहा है जिसमें पहले इसको एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक एल आकार का बनाया जा रहा था लेकिन बाद में इसका डिजाइन चेंज कर टी आकार का कर दिया गया। फिलहाल इसके दूसरे प्रस्ताव को लोक निर्माण मंत्रालय मंत्रालय भेजा गया जिसमें अनुमति का इंतजार है।

सगड़ा से लम्हेटा चौक

इस फ्लाईओवर का काम अभी रेलवे और सिंचाई विभाग सहित एनएचएआई के बीच समन्वय में उलझा हुआ है। 180 करोड़ की लागत से इसको बनना है जिसमें सॉइल टेस्टिंग हो चुकी है लेकिन काम किसी भी तरह से गति नहीं पकड़ा सका है। इसके बनने से लम्हेटा हाईवे चौराहे में जाम से मुक्ति मिलेगी, साथ ही एक बड़ा एक्सीडेंटल पॉइंट खत्म होगा।

गढ़ा पंडा की मढ़िया से त्रिपुरी तिराहा

इस फ्लाईओवर के लिए लोक निर्माण सेतु ने एक सॉइल टेस्टिंग कराई और इसका दायरा बढ़ाकर 3 किलोमीटर करने का विचार किया गया। इसके बाद इसको कम कर 600 मीटर के दायरे में बनाने का प्रस्ताव बनाया पर इसको स्वीकृति के लिए भोपाल तक नहीं भेजा। इस फ्लाईओवर का कहीं अता-पता नहीं है।

Created On :   8 Sept 2025 7:16 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story