Jabalpur News: जहरीली सब्जियों को बाजार में बेचा जा रहा, शिकायतों के बाद भी प्रशासन मौन

जहरीली सब्जियों को बाजार में बेचा जा रहा, शिकायतों के बाद भी प्रशासन मौन
  • नाले के पानी में तैयार होने वाली सब्जियाें की लाइफ सिर्फ 6 घंटे
  • फ्रिज में पहुंचने के बाद छोड़ती हैं चार गुना संक्रमण
  • नालों के पानी से सब्जी उगाने पर प्रतिबंध व कार्रवाई के मामले में अधिकारी बचते हुए नजर आए।

Jabalpur News: नदी या ट्यूबवेल के पानी से पैदा होने वाली सब्जियां सामान्य तौर पर एक सप्ताह तक उपयोग की जा सकती हैं, लेकिन नाले के पानी से तैयार होने वाली सब्जियों की लाइफ महज 6 घंटे रहती है, जिसके बाद ये खुद-ब-खुद सड़ना शुरू हो जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ये सब्जियां फ्रिज में पहुंचने के बाद चार गुना संक्रमण छोड़ती हैं, क्योंकि नाले के पानी में हेवी मेटल होते हैं, जिनमें मौजूद कीटाणु ठंडक मिलते ही तेजी से पनपते हैं, जिसके बाद ये स्लो पॉइजन का काम करने लगती हैं।

इन सब्जियों का लगातार उपयोग करने वाले लिवर, किडनी के साथ ब्रेन स्ट्रोक और दिल की बीमारियों से ग्रसित होने लगते हैं। हैरानी की बात ये है कि जबलपुर में शहर के आसपास गंदे नालों के जहरीले पानी से लगातार सब्जियां उगाकर बाजार में बेची जा रही हैं, लेकिन आज तक प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। कृषि वैज्ञानिक, डॉक्टर्स और व्यापारी हर वर्ग यही चाहता है कि नाले के जहरीले पानी से तैयार होने वाली सब्जियों के व्यापार पर पूर्णत: पाबंदी लगे।

शाइनिंग ज्यादा, असर खतरनाक

नाले के गंदे पानी से तैयार होने वाली सब्जियाें में शाइनिंग ज्यादा होती है, क्योंकि इनकी परत में केमिकल माैजूद होता है। इसलिए लोग इनकी तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं, लेकिन इसका असर काफी खतरनाक होता है। नाले के पानी से तैयार होने वाली सब्जियों को जानकार लोग महक से पहचान जाते हैं। कृषि उपज मंडी के साथ निवाड़गंज और लटकारी का पड़ाव में इन सब्जियों की खपत न के बराबर होती है। इसलिए नाले के पानी से सब्जी तैयार करने वाले इन्हें चाैराहों के आसपास लगने वाली दुकानों में ये बताकर बेचते हैं।

शहर में इन सब्जियों का ज्यादा उत्पादन

जबलपुर में नालों के पानी से तैयार होने वाली सब्जियों में धनिया, पालक, लाल भाजी, पत्ता गोभी, मूली और कुछ मात्रा में टमाटर शामिल हैं।

एक दूसरे पर टाल रहे अधिकारी -

नालों के पानी से सब्जी उगाने पर प्रतिबंध व कार्रवाई के मामले में अधिकारी बचते हुए नजर आए। प्रशासन के खाद्य सुरक्षा विभाग व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के साथ उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों और नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों से इस मामले में बात की गई तो उन्होंने मामले से किनारा कर लिया। वहीं नगर निगम के अपर आयुक्त विद्यानंद वाजपेयी ने कहा कि नालों के पानी से सब्जी की खेती करने का मामला कृषि से संबंधित है। इस मामले में जल्द ही कृषि विभाग को पत्र लिखा जाएगा।

एक्सपर्ट व्यू

नालों के पानी में क्रोमियम, जिंक, पारा जैसे हेवी मेटल रहते हैं। इस दूषित पानी से तैयार होने वाली सब्जियां पनपने के साथ ही जहरीली हो जाती हैं। ऐसे में इनके उपयोग से मानव शरीर में तरह-तरह के रोग पनपने लगते हैं। इतना ही नहीं नालों का जहरीला पानी खेतों की मिट्टी की संरचना को भी खराब करता रहता है, जिसके कारण यहां दूसरी फसल नहीं पनप पाती। इन सब्जियों की लाइफ 6 घंटे से ज्यादा नहीं होती और ठंड के संपर्क में आने के बाद इनमें मौजूद बैक्टीरिया चार गुना तेजी से पनपते हैं।

-एके सिंह, कृषि वैज्ञानिक, जेएनकेविवि

नालों के पानी से तैयार होने वाली सब्जियां काफी जहरीली होती हैं, जिसको लेकर व्यापारियों की तरफ से कई बार नगर निगम और जिला प्रशासन में शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसी खेती पर तत्काल पाबंदी लगना जरूरी है।

- अजीत साहू, अध्यक्ष, कृषि उपज मंडी व्यापारी संघ

Created On :   13 Jun 2025 10:39 AM

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