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Jabalpur News: सिरप के जहर को जांचने वाली लैब खुद टेस्ट की मोहताज

Jabalpur News: प्रतिबंधित हो चुकी कफ सिरप कोल्ड्रिफ के नमूने जबलपुर से 3 अक्टूबर को भोपाल की औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजे गए और अगले ही दिन नमूनों की जांच में हानिकारक डायएथिलीन ग्लायकॉल केमिकल की पुष्टि हो गई। मामला 19 बच्चाें की मौत से जुड़ा था, ऐसे में 1 दिन में ही नमूनों की जांच रिपोर्ट सामने आ गई, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। दवाओं के नमूनों की जांच रिपोर्ट आने में कई बार महीनों तक लग जाते हैं।
नतीजे समय पर आ सकें, इसलिए इंदौर और ग्वालियर के साथ जबलपुर में भी संभागीय खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयाेगशाला बनाई गई लेकिन स्थिति यह है कि आज भी संभागीय स्तर पर दवा के नमूनों की जांच जबलपुर में नहीं हो रही है। सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च करके लैब तो बना दी, लेकिन जिले के लिए यह शोपीस ही बनी हुई है। इसका उपयोग केवल भोपाल से मिलने वाले नमूनों की जांच के लिए हो रहा है, जो कि बेहद सीमित संख्या में हैं। जानकारों का कहना है कि अगर संभागीय जिलों की ड्रग टेस्टिंग यहां होने लगे, तो रिपोर्ट समय पर मिलेगी, जिससे दूषित दवाओं के प्रयोग को जल्द से जल्द रोका जा सकता है।
स्टाफ की पोस्टिंग, 2019 में शुरू हुआ निर्माण
वर्तमान में इस लैब में 4-4 शासकीय एनालिस्ट की पोस्टिंग हो चुकी है। लैब का निर्माण साढ़े तीन करोड़ रुपयों की लागत से हुआ है। निर्माण साल 2019 में शुरू हुआ था। प्रदेश में पहले भोपाल में ही एकमात्र प्रयोगशाला थी, जहां प्रदेशभर के सैंपल जांच के लिए भेजे जाते थे। शासन की मंशा थी कि प्रदेश के 4 शहराें में इस तरह की प्रयोगशालाएं हों, ताकि रिपोर्ट मिलने में देर न हो, इसलिए जबलपुर के अलावा इंदौर और ग्वालियर में भी लैब बनाई गईं।
परीक्षण के लिए भोपाल से आते हैं सैंपल
जानकारी के अनुसार डुमना रोड स्थित संभागीय खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयाेगशाला में औषधि परीक्षण (ड्रग टेस्टिंग) गत वर्ष 12 दिसंबर से चल रहा है। लैब में उपकरण भी स्थापित हैं, लेकिन परीक्षण के लिए जरूरी केमिकल उतनी ही मात्रा में उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जितने सैंपल भोपाल से भेजे जाते हैं। उम्मीद थी कि जबलपुर के साथ अन्य संभागों के लिए भी यह लैब औषधि परीक्षण करेगी लेकिन यह अब तक संभव नहीं हो सका है। लैब में खाद्य परीक्षण कब से शुरू होगा, इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
जांच के नतीजे जल्दी मिलेंगे और कार्यवाही में लगने वाला समय बचेगा।
जो जांच भोपाल में हो रही थीं, वे अत्याधुनिक मशीनों से जबलपुर में ही हो जाएंगी।
किसी कंपनी की टैबलेट, सिरप, कैप्सूल, इंजेक्शन आदि में दवा की मात्रा और क्वालिटी की जांच हो सकेगी।
जांच के घेरे में आई दवा इंडियन फार्माकोपिया के निर्धारित मापदंडों पर खरा उतरती है या नहीं, यह पता चल सकेगा।
इसके अलावा यूएस फार्माकोपिया और ब्रिटिश फार्माकोपिया के मापदंडों पर भी दवा को परखा जा सकेगा।
दो दुकानों पर मिली कुल 66 बॉटल मल्टीविटामिन सिरप
जांच के घेरे में आई श्रीसन फार्मास्युटिकल की एक और दवा
दवा दुकानों के निरीक्षण के दौरान श्रीसन फार्मा द्वारा बनाई गई मल्टी विटामिन प्रोनिट सिरप की कुल 66 बॉटल दो दुकानों में मिली हैं, जिन्हें फ्रीज कर सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। औषधि निरीक्षक प्रवीण पटेल ने बताया कि शास्त्री ब्रिज दवा बाजार स्थित संजय मेडिकल एजेंसी से 40 बॉटल और सिविक सेंटर दवा बाजार स्थित भार्गव इंटरप्राइजेस से 16 बॉटल प्रोनिट सिरप सीज की गई है।
काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे चिकित्सक
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जबलपुर शाखा अध्यक्ष डॉ. ऋचा शर्मा और सचिव डॉ. शामिख रजा ने बताया कि संगठन के सभी सदस्य डॉ. सोनी के समर्थन में आज काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे।
बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा नहीं बेचें विक्रेता
जबलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आजाद जैन और सचिव विशाल जायसवाल ने दवा विक्रेताओं से कहा है कि शेड्यूल ‘H’ या ‘H1’ या X श्रेणी की दवा बिना वैध डॉक्टर के पर्चे के नहीं बेची जानी चाहिए।
Created On :   8 Oct 2025 6:00 PM IST