Jabalpur News: बालक-बालिकाओं के अनुपात में कितना अंतर...दो साल के बाद पता चल सकेगा

Jabalpur News: जिले में वर्तमान में बालक-बालिकाओं का लिंगानुपात कितना है? 1000 बालकों पर कितनी बालिकाएं हैं? यह राज अभी राज ही है। इसका कारण यह है कि जनगणना अपने समय से चार साल पिछड़ी हुई है। दरअसल नियमानुसार 2011 के बाद 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड ने इस पर ब्रेक लगा दिया। अब जनगणना 2027 में होने वाली है। यानी जिले में लिंगानुपात की हकीकत अभी पर्दे में ही है। इसका राज नई जनगणना के बाद ही खुलेगा। फिलहाल 2011 के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 1000 बालकों पर 912 बालिकाएं हैं। यह आंकड़ा चिंताजनक है। वहीं सांख्यिकी विभाग से जुड़े सूत्रों का मानना है कि तमाम जागरूकता अभियानों के असर से इस बार लिंगानुपात में सुधार हो सकता है।

अब दो साल बाद सामने आएगी तस्वीर

जानकारों की मानें तो वर्तमान समय में आई जागरूकता के चलते लोगों में बालक और बालिकाओं में अंतर नहीं माना जा रहा। खासकर शहर में तो इसका व्यापक असर भी है। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में बालक के मुकाबले बालिकाओं की संख्या में कोई खास अंतर नहीं होगा। हालांकि आने वाली 2027 की जनगणना में अब निगाहें टिकी हैं, क्योंकि फिलहाल तो जनगणना होनी नहीं है और अब 2027 में ही यह संभव है।

दस साल में होनी चाहिए जनगणना

सांख्यिकी विभाग के सूत्र बताते हैं कि हर दस साल बाद जनगणना कराई जानी चाहिए। वर्ष 2011 के बाद से जनगणना नहीं हो सकी है। हालांकि 2021 में जनगणना की अधिसूचना जारी हुई थी, मगर कोविड के चलते यह संभव नहीं हो सका।

Created On :   11 Oct 2025 6:46 PM IST

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