जबलपुर: इंसान ही नहीं पर्यावरण का भी दम घोंट रहे मानेगाँव के क्रेशर, हर तरफ बस प्रदूषण

इंसान ही नहीं पर्यावरण का भी दम घोंट रहे मानेगाँव के क्रेशर, हर तरफ बस प्रदूषण
  • दोपहर से ही लगता है हर तरफ धुंध छा गई
  • हकीकत में होती है गिट्टी की धूल
  • बिना वॉटरिंग किए लगातार चला रहे क्रेशर

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बरगी रोड पर तिलवारा से ही शाम के वक्त धुंध नजर आने लगती है। लोगों को लगता है वाह क्या सुहाना मौसम है लेकिन होता एकदम उल्टा है। दरअसल इस रोड पर 40 से अधिक क्रेशर हैं और वहाँ लगातार गिट्टी आदि बनाई जाती है जिससे भारी मात्रा में धूल उड़ती है और यही धूल धुंध का फरेब दिखाती है।

इस धूल के कारण जहाँ हजारों लोगों की छाती छलनी हो रही है, वहीं खेत भी बंजर हो रहे हैं और पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। धूल उड़ने की मुख्य वजह यह है कि क्रेशर संचालकों ने न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियम माने और न ही खनिज विभाग के।

तिलवारा के आगे नारायणपुर, मानेगाँव और चूल्हा गोलाई के आसपास मुख्य मार्ग से थोड़ी दूरी पर ही क्रेशर की भरमार है। यहाँ सुबह से रात तक क्रेशर चलते हैं और बड़े-बड़े पत्थरों को तोड़कर गिट्टी, एमसैन्ड और अन्य प्रोडक्ट बनाए जाते हैं।

मशीनों से बड़ी मात्रा में धूल निकलती है और यह धूल हवा के कम दबाव के असर से आसपास के कई किलोमीटर के दायरे में फैल जाती है। मुख्य मार्ग पर सुबह-शाम रोजाना ही धुंध का नजारा होता है। कई बार तो यह धुंध इतनी गहरी हो जाती है कि बिजिबिलिटी कुछ ही मीटर की रह जाती है। इसके कारण दुर्घटना की भी संभावना रहती है।

साँस संबंधी रोग फैल रहे

बताया जाता है कि अंडर व्हीकल पास तिलवारा से चूल्हा गोलाई आगे तक वर्षों से संचालित इन क्रेशरों द्वारा धूल उड़ाई जा रही है और आसपास रहने वाले लोग साँस संबंधी रोगों की जकड़ में आ रहे हैं। जमीनें तो लगभग बंजर हो गई हैं।

जिन खेतों से कभी दर्जनों बोरा अनाज निकलता था वहाँ अब जितना अनाज बोया जाता है उतना भी नहीं मिलता। मुख्य मार्ग के आसपास व्यावसायिक और रहवासी एरिया भी विकसित हो रहा है लेकिन इस धूल के कारण उन्हें भी परेशानी हो रही है।

नियम तो बड़े कठोर हैं

बताया जाता है कि क्रेशर संचालन के लिए कई कठोर नियम बनाए गए हैं। उनके तहत गिट्टी बनाते वक्त मशीन में पानी का छिड़काव किया जाता है जिससे धूल उड़े ही नहीं, क्रेशर को ऊँची दीवारों से ढँका जाए और पूरे क्षेत्र में सघन पौधारोपण किया जाए ताकि जो धूल उड़े भी तो उसे ये रोक लें।

इन क्रेशरों का निरीक्षण करने पर ये प्रावधान नजर ही नहीं आते और यही कारण है कि लोग जानलेवा हवा में साँस लेने मजबूर हैं।

हर क्रेशर की जाँच होगी

वैसे तो समय-समय पर सभी क्रेशर की जाँच कराई जाती है और यदि इन क्रेशर संचालकों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो उन पर कार्रवाई भी होती है। मानेगाँव और चूल्हा गोलाई के क्रेशरों से धूल उड़ रही है तो उन पर जाँच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

-पीएस बुंदेला, प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

नियमों का पालन करना जरूरी

मानेगाँव और आसपास के क्रेशर से यदि धूल उड़ रही है तो निश्चित ही यह नियमों का उल्लंघन है और ऐसा करने पर क्रेशर संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी। खनिज विभाग द्वारा जाँच कराई जाएगी और दोषियों पर खनिज नियमों के तहत कार्रवाई होगी।

-आरके दीक्षित, खनिज अधिकारी

Created On :   14 March 2024 6:21 PM IST

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