बारिश के मौसम में रेलवे स्टेशन पर बूँद-बूँद पानी काे तरसे यात्री, काॅलाेनियों में भी ठप रही जलापूर्ति

बारिश के मौसम में रेलवे स्टेशन पर बूँद-बूँद पानी काे तरसे यात्री, काॅलाेनियों में भी ठप रही जलापूर्ति
पेयजल सप्लाई पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त होने से उपजी समस्या ट्रेनों में भी नहीं भरा जा सका पानी, मची रही अफरा-तफरी

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

भरी बरसात में एक ओर जहाँ रेलवे के ट्रैक पानी से लबालब भरे हुए हैं, वहीं प्लेटफाॅर्म पर यात्री, कार्यालयों में अधिकारी व रेलवे काॅलोनियों के रहवासी शुक्रवार की सुबह से ही बूँद-बूँद पानी को तरस गए। इस दौरान जबलपुर से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों को भी जबलपुर मुख्य स्टेशन के नलों में पानी नसीब नहीं हो सका और मजबूरन उन्हें बोतलबंद पानी लेना पड़ा। इतना ही नहीं, ट्रेन के शौचालयों में भी पानी नहीं होने के कारण कुछ यात्रियों ने केन तक खरीदकर आगे का सफर तय किया। जबलपुर मुख्य स्टेशन में जलापूर्ति प्रभावित हाेने के पीछे गुप्तेश्वर के समीप रेलवे की 5सौ एमएम पानी सप्लाई करने वाली पाइप लाइन का क्षतिग्रस्त होना बताया जा रहा है। गुरुवार की देर रात 12 बजे यह लाइन क्षतिग्रस्त हो गई, जिसका दूसरे दिन शुक्रवार की शाम 5 बजे यानी 17 घंटे बाद सुधार कार्य हो सका है।

गौरतलब है कि पूरे रेलवे परिसर के अलावा आधा दर्जन रेलवे काॅलोनियों में जलापूर्ति करने के लिए रेलवे का अपना खुद का सिस्टम है। प्लेटफाॅर्म के समीप पंप हाउस है। यहाँ से पानी फिल्टर होने के बाद प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों के पीने के लिए, ट्रैक की सफाई, ट्रेनों मेें भरने और रेलवे कार्यालयों व काॅलोनियों में सप्लाई होता है। इसके लिए ललपुर में रेलवे का प्लांट भी है, जहाँ से पानी सप्लाई होकर सिविल लाइन स्थित जलशोधन संयंत्र में आता है, इस संयंत्र से पूरे रेलवे परिसर और प्लेटफाॅर्म के अलावा रेलवे के अन्य कार्य के लिए प्रतिदिन एक करोड़ लीटर जलापूर्ति की जाती है।

रात 12 बजे क्षतिग्रस्त हुई पाइप लाइन

सूत्रों के अनुसार रात 12 बजे के आसपास गुप्तेश्वर के समीप मुख्य मार्ग से करीब 2 सौ मीटर भीतर की ओर गली से गुजर रही पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे गुरुवार की देर रात से ही जलशोधन संयंत्र में आने वाले पानी की सप्लाई बंद हो गई। सूचना मिलने पर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा फाॅल्ट की खोज शुरू की गई, मगर देर रात बारिश के चलते फाॅल्ट खोजने में सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद सुबह भी बारिश के कारण रेलवे का कार्य प्रभावित हुआ, हालांकि दोपहर में सुधार कार्य शुरू हो सका और शाम 5 बजे लाइन सुधार ली गई।

इधर-उधर भटकते रहे यात्री

समस्या के चलते प्लेटफार्मों का नजारा यह रहा कि दूर-दराज से आने वाली ट्रेनों के यात्री भी पानी के लिए भटकते नजर आए। यात्री जैसे ही प्लेटफाॅर्म पर लगे नलों में पानी भरने पहुँचे तो देखा कि नलों में बूँद-बूँद पानी भी नहीं टपक रहा है। इस दौरान यात्रियों में भारी अाक्रोश देखा गया। शहडोल से हैदराबाद जा रहे अवकाश गर्ग ने बताया कि जब वह जबलपुर स्टेशन पर उतरकर पानी लेने पहुँचे तो देखा कि किसी भी नल में पानी नहीं आ रहा है। स्टाॅल संचालक ने बताया कि पानी की बाेतल लेनी पड़ेगी। आज सुबह से ही प्लेटफाॅर्म पर पानी नहीं है। सिलविन बाबू, दिलीप सिंह व रोहित ने बताया कि इतने बड़े स्टेशन में जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को भटकना पड़ा।

टंकी खाली होने के बाद सुबह से पानी के लिए मचा हाहाकार

बताया जाता है कि पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से पूर्व जलशोधन संयंत्र स्थित पानी की टंकी में जितना पानी भरा था, उससे किसी तरह सुबह तक सप्लाई हो गई, मगर पानी की टंकी खाली होते ही प्लेटफाॅर्म से लेकर रेलवे अधिकारियों के कार्यालय, आवास, रेल कर्मचारियों की काॅलोनियों में पानी की सप्लाई भी रुक गई। जिसके कारण लोगों को परेशान होना पड़ा।

पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण जलापूर्ति प्रभावित हुई थी। असुविधा से बचने नगर निगम से करीब दस पानी के टेंकरों से जलापूर्ति कराई गई है।

विश्वरंजन, सीनियर डीसीएम

Created On :   19 Aug 2023 8:29 AM GMT

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