जबलपुर: संत अलाॅयसियस पोलीपाथर ने दो करोड़ 14 लाख अवैध फीस वसूली

संत अलाॅयसियस पोलीपाथर ने दो करोड़ 14 लाख अवैध फीस वसूली
  • खुली सुनवाई में सामने आईं कई अनियमितताएँ
  • नियमों का पालन हर हाल में होगा, किसी भी कीमत पर अभिभावकों के साथ लूट की छूट नहीं दी जाएगी।
  • स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि और अन्य मदों के नाम पर वसूली से जुड़ी शिकायतें रखीं।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। निजी स्कूलों की कलेक्टर के सामने खुली सुनवाई में कई पोलें खुल गईं। अभिभावकों के साथ ही आम नागरिकों ने भी जमकर शिकायतें कीं। इस दौरान संत अलाॅयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोलीपाथर का मामला सामने आया, जिसमें यह पता चला कि स्कूल ने सत्र 2022-23 में सत्र 2021-22 की तुलना में 26.62 प्रतिशत से 30.19 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए 2110 छात्रों से कुल 2 करोड़ 14 लाख 17 हजार 130 रुपए अधिक वसूल किए हैं।

ऐसे ही बेवजह किताबों की खरीदी पर जब अभिभावकों ने सवाल खड़े किए तो स्कूल प्रबंधकों की बोलती बंद हाे गई। इस पर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि आप लोग स्कूल नहीं, बिजनेस चला रहे हो, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

शिक्षा के मंदिर को बदनाम नहीं होने दिया जाएगा। नियमों का पालन हर हाल में होगा, किसी भी कीमत पर अभिभावकों के साथ लूट की छूट नहीं दी जाएगी।

पहली खुली जनसुनवाई मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। इस दौरान सेंट अलाॅयशियस स्कूल की सभी शाखाओं के साथ स्टेमफील्ड स्कूल के प्रबंधक और प्राचार्य मौजूद रहे।

अभिभावकों ने इन स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि और अन्य मदों के नाम पर वसूली से जुड़ी शिकायतें रखीं। जिस तरह संत अलाॅयसियस स्कूल पोलीपाथर के प्रबंधक ने बचाव में कहा कि जो अधिक फीस वसूली गई, वह काेरोना के बाद की है, क्योंकि कोरोना में ट्यूशन फीस बस ली गई थी।

इस पर कलेक्टर श्री सक्सेना ने साफ कहा कि नियमानुसार फीस यदि बढ़ाई जाती है तो इसकी सूचना जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय को दी जाती है और औचित्य भी बताया जाता है कि फीस क्यों बढ़ाई जा रही है। ऐसा नहीं किया गया, इसलिए यह गलत है और इस पर कार्रवाई की जाएगी।

पहली और 8 वीं की फीस लगभग बराबर

सेंट अलाॅयशियस सदर, पोलीपाथर, रिमझा, पनागर और सगड़ा स्कूलों के संबंध में कलेक्टर ने इनके द्वारा दी गई फीस की जानकारी को सभी के सामने रखा। सामने लगी स्क्रीन पर यह जानकारी दिखाई गई।

स्कूलों का दावा था कि उन्होंने कोविड के समय अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली। उन्होंने इस साल 10 फीसदी फीस बढ़ाने का दावा किया। एक अभिभावक ने बताया कि पहली कक्षा के विद्यार्थी और आठवीं कक्षा के विद्यार्थी की फीस में सिर्फ 1 हजार रुपयों का अंतर है। स्कूल कई अन्य मदों में फीस वसूलता है।

स्कूल में बच्चे न हों प्रताड़ित- कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि पेरेंट्स स्कूलों में सजगता बनाए रखें और जहाँ सही न हो, उसका विरोध करें। बच्चों को इसमें कोई परेशानी न हो। आज की खुली सुनवाई में स्कूल संचालक व पेरेंट्स के बीच संवाद कक्षा तक नहीं पहुँचना चाहिए। किसी भी विद्यार्थी पर इस सुनवाई का विपरीत प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

6 साल के बच्चों को पढ़ा रहे रोबोटिक विषय

सुनवाई के दौरान एक अभिभावक ने स्टेमफील्ड स्कूल की फीस वृद्धि पर कहा कि स्कूल प्रबंधन ने पहली क्लास में रोबोटिक विषय अनिवार्य बताकर शामिल कर दिया और फीस भी बढ़ा दी।

इस शिकायत का जवाब देते हुए स्कूल के डायरेक्टर पल जायसवाल ने कहा कि सीबीएसई की गाइडलाइन के आधार पर यह विषय जोड़ा गया है। इस पर कलेक्टर ने तत्काल गाइडलाइन माँगी।

इसे पढ़ने के बाद कलेक्टर ने कहा कि इसमें रोबोटिक विषय को अनिवार्य नहीं, बल्कि वैकल्पिक रखा गया है, फिर इसे अनिवार्य तौर पर क्यों जोड़ा गया।

Created On :   1 May 2024 3:48 PM IST

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