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खौफनाक षड्यंत्र: एक करोड़ के बीमा और कर्ज माफी के लिए दूसरे को जिंदा जला खुद की मौत का रचा नाटक, सनसनीखेज पर्दाफाश

- लातूर पुलिस ने 24 घंटे में किया सनसनीखेज पर्दाफाश
- कार नंबर से जांच ने लिया नया मोड़
- लिफ्ट के बहाने मौत के जाल में फंसाया
Latur News. महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने एक करोड़ रुपये के टर्म इंश्योरेंस की राशि हासिल करने और करीब 57 लाख रुपये के कर्ज से बचने के लिए एक निर्दोष व्यक्ति की जिंदा जला कर हत्या कर दी और स्वयं की मौत का झूठा नाटक रच डाला। हालांकि लातूर पुलिस की सतर्कता, तकनीकी विश्लेषण और त्वरित कार्रवाई के चलते यह खौफनाक षड्यंत्र महज 24 घंटे में उजागर हो गया। यह जानकारी 15 दिसंबर को शाम 5.30 बजे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे ने दी।
जली कार में मिला अर्धजला कंकाल
14 दिसंबर 2025 की रात करीब 12.30 बजे डायल-112 पर सूचना मिली कि औसा तहसील के वानवडा पाटी इलाके के खेत के पास एक कार में भीषण आग लगी है। सूचना मिलते ही औसा पुलिस थाने की रात्रि गश्ती टीम मौके पर पहुंची और अग्निशमन दल की मदद से आग पर काबू पाया। कार की तलाशी में अंदर से एक अर्धजला मानव कंकाल बरामद हुआ।
प्रारंभिक तौर पर इसे आकस्मिक मृत्यु मानते हुए औसा पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु क्रमांक 72/2025 दर्ज किया। घटनास्थल पर ही पोस्टमार्टम कर डीएनए सैंपल सुरक्षित किए गए।
कार नंबर से जांच ने लिया नया मोड़
जांच के दौरान जली हुई कार का नंबर MH-43-AB-4200 सामने आया। परिवहन विभाग के रिकॉर्ड से पता चला कि वाहन औसा तांडा निवासी बलीराम गंगाधर राठोड के नाम पर पंजीकृत है। पूछताछ में सामने आया कि कार उनका साला गणेश गोपीनाथ चव्हाण (निवासी विठ्ठल नगर, औसा) उपयोग करता था।
परिजनों ने कार में मिले कड़े और हाथ के आभूषणों के आधार पर कंकाल की पहचान गणेश चव्हाण के रूप में की, जिसके बाद शर्तीय पहचान पर अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
शक गहराया, आरोपी जिंदा मिला
इसी दौरान स्थानीय अपराध शाखा और औसा पुलिस की संयुक्त जांच में गणेश चव्हाण के जीवित होने को लेकर संदेह गहराया। तकनीकी विश्लेषण, मोबाइल लोकेशन और यात्रा विवरण खंगालने पर पुष्टि हुई कि वह जिंदा है। इसके बाद पुलिस ने पीछा कर उसे विजयदुर्ग (जिला सिंधुदुर्ग) से हिरासत में लिया।
पूछताछ में हुआ सनसनीखेज खुलासा
कड़ी पूछताछ में आरोपी गणेश चव्हाण ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वह पिछले डेढ़ साल से गंभीर आर्थिक संकट में था। उस पर करीब 57 लाख रुपये का कर्ज था और उसने एक करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस लिया था। कर्ज से छुटकारा पाने और परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने के नाम पर उसने यह खौफनाक योजना बनाई।
लिफ्ट के बहाने मौत के जाल में फंसाया
आरोपी ने बताया कि 13 दिसंबर 2025 की रात करीब 10 बजे वह औसा के याकतपुर रोड चौक पहुंचा, जहां गोविंद किशन यादव (50, निवासी औसा) ने उससे लिफ्ट मांगी। गोविंद शराब के नशे में था। आरोपी ने उसे कार में बैठाया और खाने के बहाने चिकन खरीदा। इसके बाद वह कार को वानवडा पाटी से वानवडा रोड के सुनसान इलाके में ले गया।
जिंदा जला कर की हत्या
खाना खाने के बाद गोविंद यादव कार में ही सो गया। इसका फायदा उठाकर आरोपी ने उसे ड्राइवर सीट पर बैठाया, सीट बेल्ट लगाई और माचिस की तीलियों व प्लास्टिक की थैलियों से आग लगा दी। आग तेजी से फैले, इसके लिए पेट्रोल टंकी का ढक्कन भी खुला छोड़ दिया गया। इसके बाद आरोपी पैदल तुलजापुर मोड़ पहुंचा और वहां से बस व एसटी के जरिए विजयदुर्ग फरार हो गया।
हत्या और सबूत नष्ट करने का मामला दर्ज
आरोपी का उद्देश्य जली हुई लाश को अपनी मानकर बीमा क्लेम की प्रक्रिया शुरू करवाना था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से पूरा षड्यंत्र विफल हो गया। आरोपी के खिलाफ औसा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है।
पुलिस टीम की सराहनीय कार्रवाई
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे और उपविभागीय पुलिस अधिकारी कुमार चौधरी के मार्गदर्शन में की गई। स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक सुधाकर बावकर, सहायक पुलिस निरीक्षक सदानंद भुजबल सहित औसा पुलिस थाने, साइबर पुलिस स्टेशन और संबंधित टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Created On :   15 Dec 2025 10:30 PM IST












