कानून समझाना ही नहीं, बल्कि एक बेहतर और जागरूक पीढ़ी तैयार करना ज़रूरी - अमोल तांबे

कानून समझाना ही नहीं, बल्कि एक बेहतर और जागरूक पीढ़ी तैयार करना ज़रूरी - अमोल तांबे
  • बाल अपराध रोकने के लिए पुलिस–विद्यार्थी संवाद
  • लातूर पुलिस की सराहनीय पहल

Latur News. ज़िले में माध्यमिक विद्यालयों, महाविद्यालयों और निजी कोचिंग संस्थानों में लगभग 3,16,295 छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत हैं। इन्हीं छात्रों में अनजाने में होने वाले बाल अपराध, नशे की प्रवृत्ति, बाल यौन शोषण, और सोशल मीडिया के दुरुपयोग जैसे मुद्दों को रोकने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे ने ‘पुलिस–विद्यार्थी संवाद’ नामक विशेष अभियान की शुरुआत की है।

एसपी तांबे ने कहा पुलिस, माता-पिता और समाज यदि एकजुट हों तो बच्चों में अपराध की प्रवृत्ति और नशे की आदतों को प्रभावी रूप से रोका जा सकता है। हमारा उद्देश्य सिर्फ कानून समझाना नहीं, बल्कि एक जागरूक और अनुशासित पीढ़ी तैयार करना है। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंगेश चव्हाण भी उपस्थित थे।

शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र

वर्तमान में जिले में 534 माध्यमिक विद्यालय, 116 महाविद्यालय और 44 निजी कोचिंग संस्थान संचालित हैं, जिनमें कुल मिलाकर लगभग तीन लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। एसपी तांबे के अनुसार, अन्य जिलों की तुलना में लातूर में बाल अपराध के मामले कम हैं, लेकिन इसे और कम करने तथा युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है।

बच्चों को क्या सिखाया जा रहा है

पुलिस अधिकारी प्रतिदिन अपने–अपने पुलिस स्टेशन क्षेत्र की शालाओं और कॉलेजों में जाकर एक घंटे का शिक्षण सत्र लेते हैं। इसमें विद्यार्थियों को बताया जा रहा है

  • POCSO एक्ट और कानून उल्लंघन के परिणाम
  • नशा, इंजेक्शन और व्यसनों से होने वाला नुकसान
  • सोशल मीडिया का गलत उपयोग, फेक अकाउंट बनाकर बदनामी
  • ट्रिपल-सीट चलाने के खतरे
  • विद्यालय/महाविद्यालय में रैगिंग के दुष्परिणाम
  • नाबालिगों के प्रेम संबंध व घर से भागने से जुड़े कानूनी जोखिम

इन सत्रों के माध्यम से बच्चों में कानूनी जागरूकता, अनुशासन, और सही व्यवहार की समझ विकसित की जा रही है।

अभियान की अवधि एवं अब तक की प्रगति

‘पुलिस–विद्यार्थी संवाद’ अभियान 20 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलाया जाएगा।

5 दिसंबर तक प्राप्त उपलब्धियां

  1. 36 विद्यालयों में सत्र
  2. 13 महाविद्यालयों में संवाद
  3. 5 कोचिंग कक्षाओं में मार्गदर्शन
  4. कुल 13,000 विद्यार्थियों तक पहुँच

एसपी अमोल तांबे ने कहा कि यह अभियान से जिले को बाल अपराध मुक्त बनाने और युवाओं के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Created On :   7 Dec 2025 9:55 PM IST

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