शर्मनाक तस्वीर: मंदाकिनी नदी में नगर पालिका के सामूहिक शौचालय से हो रही मैली, प्रदूषण स्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी

मंदाकिनी नदी में नगर पालिका के सामूहिक शौचालय से हो रही मैली, प्रदूषण स्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी
  • चित्रकूट से सामने आई शर्मनाक तस्वीर
  • मंदाकिनी नदी में तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण
  • सीएमओ विशाल सिंह ने लिया संज्ञान

डिजिटल डेस्क, चित्रकूट। धर्मनगरी चित्रकूट के मंदाकिनी तट से शर्मनाक तस्वीर आई है। हनुमानधारा पुल के पास स्थित नगर पालिका के सामूहिक शौचालय का गंदा पानी (सीवेज) बाकयदा पाइप लगा कर मंदाकिनी नदी में छोड़ा जा रहा है। अंधेरगर्दी इस कदर है कि नदी के जिस तट पर सीवेज छोड़ा जा रहा है, उसी के बगल में स्थित भरत घाट पर प्रतिदिन गंगा आरती होती है। हालांकि सीएमओ विशाल सिंह के मुताबिक मामला संज्ञान में आते ही पंचनामा एवं जब्ती की कार्यवाही की गई है। नदी तट पर स्थित सामूहिक सुलभ शौचालय में ताला मार दिया गया है। सीवर लाइन के काम में लगी गुजरात की जनक एंड पांचाल को नोटिस देकर जवाब भी मांगा जाएगा।

रक्षक ही बने भक्षक

आरोप है कि हनुमानधारा पुल के पास मंदाकिनी गंगा तट पर कछुआ गति से पंपिंग स्टेशन बना रही जनक एंड पांचाल के समझदारों ने वहीं पर स्थित नगर परिषद के सामूहिक शौचालय के ओवर फ्लो को पाइप लगा कर नदी में छोड़ दिया। यह पाइप लंबे अर्से से पवित्र नदी को प्रदूषित कर रहा था। इस आशय का सच बहुत देर से जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सीएमओ ने जब्ती और पंचनामा कार्यवाही की। फिलहाल जिम्मेदारों को नोटिस की तामीली नहीं हुई है।

बड़ा सच - बेकाबू हैं हालात

चित्रकूट में मंदाकिनी नदी पर प्रदूषण के हालात बेकाबू हैं। नदी तट पर खुलेआम गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। नदी जल के अनके परीक्षण से यह तथ्य सिद्ध है कि आरोग्यधाम से लेकर रामघाट का पानी पूरी तरह से खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। कुछ ने तो सीवेज की भूमिगत पाइप लाइन ही मंदाकिनी पर छोड़ रखी हैं। यह तथ्य भी किसी से छिपा नहीं है कि मोक्षदायिनी पुण्य सलिला मंदाकिनी धीमी मौत मर रही है। मध्यप्रदेश की 22 सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में शामिल मंदाकिनी की किसी को चिंता नहीं है। इस मामले में चित्रकूट में धर्म के ठेकेदार और सियासी झंडाबरदार दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। जबकि मंदानिकी के जलप्रवाह में 30 साल में 10 गुना गिरावट आई है। घुलित आक्सीजन (डिजाल्वड ऑक्सीजन) प्रति लीटर पर सिर्फ 2 मिलीग्राम है। लगभग १ लीटर सीवेज से 150 लीटर शुद्ध जल प्रदूषित हो रहा है। एल्गल ब्लूम्स और न्यूट्रोफिकेशन की समस्या बड़ी चुनौती बन चुकी है।

इनका कहना है

मामला संज्ञान में आने पर जब्ती और पंचनामा कार्यवाही की गई है। सामूहिक सुलभ शौचालय पर ताला लगा दिया गया है। सीवरेज लाइन का काम कर रही निर्माण कंपनी को नोटिस देकर जवाब भी मांगा जाएगा।

Created On :   31 March 2024 5:27 PM GMT

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