महाविकास आघाड़ी नेताओं का आरोप, मंत्रालय से आए फोन के बाद किया लाठीचार्ज

महाविकास आघाड़ी नेताओं का आरोप, मंत्रालय से आए फोन के बाद किया लाठीचार्ज
  • लाठीचार्ज के बाद कार्रवाई तेज
  • जांच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को सौंप

डिजिटल डेस्क, जालना/मुंबई. जालना में मराठा आरक्षण के लिए आमरण अनशन कर रहे लोगों पर हुए लाठीचार्ज के बाद सरकार ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। जालना के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और पुलिस उप अधीक्षक को रविवार को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया। शैलेश बलकवड़े को जालना का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लाठीचार्ज की जांच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को सौंप दी और मराठावाड़ा में गरमा रहे मराठा आरक्षण मामले को शांत करने के लिए गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्य अनशनकारी मनोज जरांगे पाटील से फोन पर चर्चा की। इधर, इस गंभीर मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी ) के सांसद संजय राऊत ने आरोप लगाया कि मंत्रालय के एक बड़े पुलिस अफसर के आदेश के बाद अनशनकारियों पर बेतहाशा लाठियां बरसाई गईं। इधर, लाठीचार्ज का विरोध रविवार को भी जारी रहा। मुंबई में कई जगहों पर मराठा क्रांति मोर्चा और आघाडी दलों ने विरोध किया। मुंबई के दादर में प्रदर्शन कर रहे मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक महेश राणे ने कहा कि राज्य सरकार को उन पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए , जिन्होंने शांतिपूर्ण अनशन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया। मरीन ड्राइव पर शिवसेना यूबीटी के कार्यकर्ताओं ने लाठीचार्ज के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। घाटकोपर में आघाडी के तीनों दलों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और लाठीचार्ज की निंदा की।

मुख्यमंत्री ने कहा- दोषी नहीं छोड़े जाएंगे

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लाठीचार्ज की जांच एडीजी संजय सक्सेना को सौंपी है। उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को मुख्य अनशनकारी मनोज जरांगे पाटील से फोन पर चर्चा की। मीडिया को उन्होंने बताया कि उन्हें लाठीचार्ज मामले की गलत जानकारी मिली थी। पुलिस अधीक्षक और दूसरे पुलिस अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया है। शैलेश बलकवड़े को जालना का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। इधर, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी मनोज पाटील से बात की। राज ठाकरे सोमवार को मनोज से मिलने जालना जाएंगे। मंत्री गिरीश महाजन और विधायक नितेश राणे भी मनोज से मिलने पहुंचे।

एकाएक चर्चा में आए मनोज जरांगे ?

पिछले 4 सालों से मराठा आरक्षण की मांग सुस्त पड़ी थी लेकिन जालना के अंबड के मनोज जरांगे पाटील के नेतृत्व में मराठा आरक्षण के लिए आमरण अनशन की शुरुआत की गई। शुरुआत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज को आश्वासन दिया था। शुक्रवार को पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से मनोज जरांगे पाटील एकाएक चर्चा में आ गए हैं। मनोज पिछले 15 साल से मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए सक्रिय हैं। वह कांग्रेस में भी रह चुके हैं लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने संगठन की शुरुआत की थी। अब तक मनोज से राज्य के कई बड़े नेता मुलाकात कर चुके हैं।

महाजन के साथ मनोज जरांगे पाटील की बैठक बेनतीजा

जालना में मराठा आरक्षण को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटील और मंत्री गिरीश महाजन की रविवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। भाजपा विधायक नितेश राणे के साथ गिरीश महाजन जालना में अनशनकारियों से बातचीत के लिए पहुंचे थे। महाजन ने मनोज पाटील से सरकार को एक महीने का समय देने की मांग की लेकिन पाटील ने उनकी मांग ठुकरा दी। पाटील ने कहा कि सरकार को दो दिन में मराठा आरक्षण पर कोई फैसला लेना होगा।

जितेंद्र आव्हाड , विधायक राकांपा (शरद गुट) के मुताबिक मराठा आरक्षण की मांग कर रहे अनशनकारियों पर हुए लाठीचार्ज से महाराष्ट्र की जनता नाराज है। बगैर ऊपरी आदेश के कोई भी पुलिस अधिकारी अनशन पर बैठे लोगों पर इस तरह से लाठीचार्ज नहीं कर सकता। इस मामले की जांच की जरूरत है।

आदित्य ठाकरे, विधायक शिवसेना (यूबीटी) के मुताबिक जालना में अनशन पर बैठे लोगों पर लाठीचार्ज करने का आदेश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया था। मुख्यमंत्री को मनोज के अनशन की जानकारी थी। अनशनकारियों पर दुश्मनों की तरह लाठियां बरसाई गईं। बगैर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के आदेश के कोई भी पुलिस अधिकारी इस तरह लाठीचार्ज नहीं कर सकता।


Created On :   4 Sept 2023 4:33 PM IST

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